बैंती में कलश यात्रा से हुआ श्रीमद्भागवत कथा का शुभारम्भ
शिवगढ़,रायबरेली। शिवगढ़ क्षेत्र के बैंती में रविवार से श्रीमद्भागवत कथा का शुभारम्भ हो गया है। पहले दिन कलश यात्रा निकाली गई। कलश यात्रा डमरू ढोल-मंजीरे के साथ गांव की गलियों,चौराहों से होकर कथा स्थल तक पहुंची। महिलाओं ने कलश यात्रा के दौरान ऋद्धि सिद्धि के प्रतीक कलश को सिर पर रखकर कलश यात्रा पूर्ण की।
पंडित अनूप तिवारी ने बताया कि श्रीमद्भागवत कथा का प्रारम्भ कलश यात्रा के बाद होता है। कलश हमारे जीवन में हर क्षण काम आता है। जन्म के समय भी कलश स्थापना की जाती है और मरने के समय भी शरीर के साथ कलश विसर्जित किया जाता है। कलश पर रखा नारियल इस बात की शिक्षा देता है कि परिवार के मुखिया को ऊपर से सख्त और अन्दर से मुलायम होना चाहिए। इससे जीवन की गाड़ी बेहतर चलती है।
कलश के ऊपर रखी जाने वाली माला संदेश देती है कि जिस तरह फूल महकता है उसी प्रकार मनुष्य का जीवन भी दूसरों को सुगंध देने वाला होना चाहिए। उन्होंने बताया कि श्रीमद्भागवत कथा के सुनने मात्र से प्राणियों को किए गए जीवन भर के पाप से मुक्ति मिल जाती है। कथा आयोजक समाजसेवी सुरेश जयसवाल ने बताया की 23 अप्रैल तक चलेगी। जिसमें कथा व्यास 8 वर्षीय कृष्ण मोहन कान्हा जी भागवत कथा सुनाएंगे।
इस मौके रिंकू जायसवाल,प्रधान प्रतिनिधि जानकीशरण जायसवाल, हरिज्ञान जायसवाल बुधई लोधी, कमल किशोर रावत, मायाराम रावत, हरिओम जायसवाल सहित क्षेत्र के गणमान्य लोग मौजूद रहे।
दबाव और प्रभाव में खब़र न दबेगी,न रुकेगी