बागी विधायकों के खिलाफ फूटा शिवसैनिकों का गुस्सा,उद्धव सरकार ने भी उठाया बड़ा कदम

 

महाराष्ट्र में लगातार सियासी घमासान जारी है। अब तक जो हाई प्रोफाइल ड्रामा हुआ, उससे तस्वीर साफ नहीं है कि आगे क्या होगा? सभी की नजर महाराष्ट्र विधानसभा के डिप्टी स्पीकर पर है। डिप्टी स्पीकर कोई कदम उठाते हैं तो ही एक्शन आगे बढ़ेगा? तभी मामला राज्यपाल और सुप्रीम कोर्ट तक मामला पहुंचेगा? इस बीच, मुंबई से लेकर दिल्ली और गुवाहाटी तक बैठकों का दौर जारी है। उद्धव ठाकरे हर तरह का कार्ड खेल रहे हैं, वहीं संजय राउत की बयानबाजी भी जारी है। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) और कांग्रेस भी Wait n watch की पॉलिसी अपनाए हुए हैं। भाजपा भी यही कर रही है, हालांकि अंदरखाने रणनीति पर काम पहले दिन से जारी है।

बागी विधायकों के खिलाफ शिवसैनिकों का गुस्सा खुलकर सामने आने लगा है। पुणे में एकनाथ शिंदे के दफ्तर पर हमला किया गया। वहीं तानाजी सावंत का दफ्तर पर भी हमले की सूचना है।

बागी विधायकों के परिवार की सुरक्षा उद्धव ठाकरे सरकार ने ली वापस

महाराष्ट्र में उन 38 विधायकों के परिजन की सुरक्षा वापस ले ली गई है, जिन्होंने उद्धव ठाकरे सरकार के खिलाफ बगावत के सुर तेज किये और गुवाहाटी की होटल में जाकर बैठे हैं। यह खबर सामने आने के बाद बागी गुट के मुखिया एकनाथ शिंदे ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के साथ ही प्रदेश के गृह मंत्री और डीजीपी को चिट्ठी लिखी है। शिंदे ने यह चिट्ठी ट्वीट करते हुए लिखा, हमारे परिवार की सुरक्षा करना सरकार जिम्मेदारी है। वहीं परिजन से सुरक्षा हटाए जाने के मुद्दे पर शिवसेना प्रवक्ता संजय राउत ने कहा कि सुरक्षा विधायकों को दी गई है, उनके परिवार को नहीं।

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