Shardiya Navratri 2022 : नवरात्रि सम्पूर्ण पूजन विधि
Shardiya Navratri 2022 : शारदीय नवरात्रि हिंदुओं का पवित्र व्रत का त्योहार है. नवरात्रि साल में चार बार आती है। इस बार नवरात्रि पुरे नौ दिन तक मनाई जायेंगी। इस वर्ष 26 सितम्बर से 5 अक्टूबर तक है। इन दिनों के व्रत का प्रभाव पुरे वर्ष रहता है।
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नवरात्रि पूजन विधि (Navratri Pujan Vidhi):-
पूजन विधि और नवरात्रि की सामग्री :
- रोली, चंदन, सिंदूर, जनेऊ, कलावा, लाल चंदन, धूप बत्ती, रुई, घी, इत्र, शतावरी,
- सूखा नारियल सहित चावल, सुपारी, लॉन्ग, इलायची, हवन सामग्री, तिल, जौ, पंचमेवा, बोने के लिए मिष्ठान मिट्टी का कलश पर ही समेत दुर्वा, फल, फूल, मखाना,
- गरी की माला पानी वाला नारियल लालपुर सवा मीटर माता जी के वस्त्र एवं श्रृंगार अब रख लो दूध दही चीनी गंगाजल पनवेल खुदा भोजपत्र कपूर माता जी की फोटो।
- माता जी की पूजन विधि नवरात्रि में पहले दिन माता शैलपुत्री की पूजा की जाती है और उससे पहले गणेश भगवान की पूजा की जाती जो कलश स्थापना करके सर्वप्रथम भगवान गणेश का आवाहन किया जाता है भगवान के कलश की स्थापना कैसे करें कोई भी पूजा शुरुआत करने से पहले गौरी पुत्र गणेश की सर्वप्रथम पूजा की जाती है इसलिए सबसे पहले कलश स्थापना की जाती।
- कलश स्थापना कैसे करें कलश स्थापित करने के लिए सर्वप्रथम मिट्टी की विधि बनाएं और उस पर पानी डाल कर अच्छे से आसन का रूप बनाया और उसे उस पर जो वो दे फिर उस पर स्वास्तिक का रोली हल्दी सचिन बनाया उसके बाद मिट्टी के पात्र में पहले गंगाजल उसके बाद उसमें घर काजल डाले और हल्दी सुपारी पैसा लॉन्ग चावल आदि डालें और उसके ऊपर आम का पल्लव रखें कटोरी में चावल रखें उस पर दूर्वा और उसकी दाल भी रखें उसके बाद उसको बेदी के ऊपर रखते गणेश पूजन करने के लिए पहले गंगा जल से भगवान गणेश को नहलाया उसके बाद उससे हल्दी सिंदूर से तिलक करें उसके ऊपर नारियल रखें जनेऊ पहना है.
- धूप दीप अगरबत्ती से उनकी पूजा करें आरती करें गणेश भगवान की पूजा करने के साथ-साथ नवग्रह एक पार्टी पर नवग्रह बनाएं उसमें हल्दी आठ से नौ ग्रह बनाकर के हल्दी रोली दिल से पूजन करें और उस पर जल चढ़ाएं सुपारी चढ़े फूल चढ़े मिठाई यह पूजा करने के बाद एक आम की लकड़ी की चौकी ले उसको गंगाजल से धूल करके उसको ही माता जी को भी स्थापित करना है.
- उस स्थान को पहले गंगाजल से पवित्र गंगाजल चावल डालकर उस पर माताजी को चौकी के ऊपर एक लाल वस्त्रालय लाल वस्त्र में के ऊपर एक चावल का हल्दी से रंगे हुए चावल का ढेर बनाया उसको सूर्य की आकार की किरणों की तरह का आकार दें और माता जी की पूजा करें पहले जल चढ़ाएं फिर माताजी को चुन्नी बढ़ाएं फूल चढ़ाएं माता जी को लाल पुष्प बहुत पसंद है जो कि गुलहड़ कहो तो ज्यादा ही थी उससे माता जी की पूजा करें।
- उसके बाद उस पर मेवा खाना की माला चढ़ा चढ़ा करके माला चढ़ाकर के माताजी को याद करें उसके बाद उसके सामने दीप दीपक भूख और कपूर की आरती करें पान चबाए कथन लगाया हुआ है लोंग इलाइची करें और माताजी को याद करें उनसे अपने सभी गलतियों को क्षमा मांगे पहले दिन माता शैलपुत्री को गुड़ का भोजन लगाया जाता है और माताजी को भोजपत्र चाहे उस पर रोली से जय माता दी या स्वास्तिक का चिन्ह बना लें.
- उसको एक लाल कपड़े में बांधकर के कुछ पैसे डाल कर के माताजी के सामने रखे और जो भी मन्नते हैं वह माताजी से माने और माता जी से विनती करें कि हमारी यह मन्नत पूरी हो जाएगी तो हम ऐसा करेंगे उसके बाद जब 9 दिन का लगातार पूजा विधि हो जाए जब नवरात्रि समाप्त हो जाए तो दसवें दिन उसको उठाकर के जिस जगह पर आप पैसा रखते हैं उसमें उसको रख दे माता रानी की कृपा आप पर हमेशा बनी रहेगी।