सड़क दुर्घटना में घायल संतोष कुमार हार गया जिंदगी की जंग
शिवगढ़,रायबरेली। सड़क दुर्घटना में घायल अधेड़ जिंदगी की जंग हार गया, जिसकी मौत से परिजनों में कोहराम मच गया है। गौरतलब हो कि थाना क्षेत्र के ठकुराइन खेड़ा मजरे खजुरों के रहने वाले संतोष कुमार उम्र 50 वर्ष पुत्र गुरुप्रसाद बीती 27 मई को साइकिल से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र शिवगढ़ दवा लेने जा रहे थे तभी तेज आंधी के चलते बांदा – बहराइच हाईवे पर मेहरवान खेड़ा गांव के पास उनके ऊपर बबूल का पेड़ गिर गया था। जिसके नीचे दबकर वह गम्भीर रूप से घायल हो गए थे। जिन्हें गूढ़ा प्रधान प्रतिनिधि अंकित वर्मा ने अपने निजी वाहन से सीएचसी शिवगढ़ पहुंचाया था। जहां डॉक्टरों ने अधेड़ संतोष कुमार की हालत गम्भीर देखते हुए जिला अस्पताल के लिए रेफर कर दिया था।
जिला अस्पताल में भी जिनकी हालत में सुधार ना होता देख डॉक्टरों ने उन्हें ट्रामा सेन्टर रेफर कर दिया था। जहां उनका इलाज चल रहा था किंतु हालत में कोई सुधार नहीं हुआ। बुधवार को हालत नाजुक देखते हुए परिजन उन्हें पूर्वाहन करीब डेढ़ ट्रामा सेन्टर से घर ले आए थे जहां आधे घण्टे बाद पूर्वाहन 2 बजे संतोष कुमार ने अपने आवास पर दम तोड़ दिया। जिनकी मौत की सूचना मिलते ही परिजनों एवं ग्रामीणों में कोहराम मच गया
4 बच्चों के सिर से उठ गया पिता का साया
संतोष कुमार की मौत से उनके चार बच्चों के सिर से पिता का साया उठ गया है। पत्नी श्यामा देवी, पुत्री सौम्या उम्र 18 वर्ष, शिवानी उम्र 16 वर्ष, पुत्र सोनू उम्र 14 वर्ष, अंश उम्र 12 वर्ष, छोटे भाई दिनेश कुमार का रो-रोकर बुरा हाल है।
पत्नी श्यामा देवी पर टूटा मुसीबतों का पहाड़
पति संतोष कुमार की मौत से पत्नी श्यामा देवी पर मुसीबतों का पहाड़ टूट पड़ा है। पति का शव देखकर बार-बार मूर्छित हो जा रही थी। जो होश आने पर फफक- फफक कर यही कह रही थी कि कैसे वह बेटियों की शादी करेगी और कैसे बच्चों का पालन पोषण करेगी।
संतोष कुमार ही अपने परिवार का इकलौता सहारा था जो मेहनत मजदूरी करके किसी तरह परिवार की जीविका चलाता था। गांव के रामू रावत ने बताया कि संतोष कुमार की मौत से पूरा परिवार टूट गया है। संतोष कुमार का व्यक्तित्व मिलनसार था जिसके चलते समूचे गांव में मातमी सन्नाटा पसर गया है।
दबाव और प्रभाव में खब़र न दबेगी,न रुकेगी