एडेड माध्यमिक स्कूलों की बदलेगी सूरत ! पूर्व एमएलसी ने जताया सीएम का आभार

शिवगढ़ (रायबरेली) ऐसे अशासकीय सहायता प्राप्त (एडेड) माध्यमिक विद्यालय जो 1 अप्रैल 2023 को मान्यता तिथि से 75 वर्ष पूरा कर चुके हैं उनके जीर्णोद्धार, मरम्मत, पुनर्निर्माण, निर्माण एवं अवस्थापना सुविधाओं पर खर्च होने वाली कुल धनराशि का 75 प्रतिशत धन राज्य सरकार देगी। बाकी 25 प्रतिशत धनराशि प्रबंधतंत्र को खर्च करनी होगी। एडेड माध्यमिक स्कूलों की सूरत बदलने के लिए सहयोगी अनुदान योजना की गाइडलाइन में संशोधन को कैबिनेट से मंजूरी मिलने पर यूपी प्रबन्धक महासभा कार्यकारी अध्यक्ष एवं पूर्व एमएलसी राजा राकेश प्रताप सिंह ने मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर आभार व्यक्त किया है।

पहले एडेड स्कूलों के भवनों के जीर्णोद्धार के लिए 50 प्रतिशत धनराशि राज्य सरकार व 50 प्रतिशत धनराशि प्रबंधतंत्र को खर्च करनी होती थी। मगर इस योजना में स्कूलों द्वारा रुचि न दिखाए जाने पर अब नियमों को शिथिल कर दिया गया है।

वित्तीय वर्ष 2023-24 में इस योजना के तहत 200 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। माध्यमिक शिक्षा निदेशक भवन के जीर्णोद्धार व मरम्मत इत्यादि के लिए खर्च होने वाली कुल धनराशि की 40 प्रतिशत पहली किस्त,40 प्रतिशत की दूसरी किस्त और 20 प्रतिशत धनराशि की तीसरी किस्त जारी करेगा। फिलहाल, अब एडेड माध्यमिक स्कूलों के जर्जर भवन भी नए होंगे और विद्यार्थियों को बेहतर सुविधाएं मिलेंगी। जिसमें शिवगढ़ का श्री बरखण्डी विद्यापीठ इण्टर कॉलेज शिवगढ़ भी शामिल है इस योजना के तहत जिसकी सूरत बदलेगी।

अनामित परिवार को मिलेगा ग्रेच्युटी का लाभ

अशासकीय सहायता प्राप्त (एडेड) माध्यमिक स्कूलों के ऐसे शिक्षक जिन्होंने अपने परिवार के किसी सदस्य को नामित नहीं किया है और सेवाकाल के दौरान उनकी मृत्यु हो जाती है, तो भी उनके परिवार को अब ग्रेच्युटी का लाभ दिया जाएगा। विकल्प न भरने वाले अथवा विकल्प परिवर्तन की सुविधा लिए बिना ही रिटायरमेंट के पूर्व जिन शिक्षकों की मृत्यु हुई है, उनकी ग्रेच्युटी के लिए तमाम मामले कोर्ट तक पहुंच चुके हैं। ऐसे में परिवार को ग्रेच्युटी का लाभ देने से तमाम विधिक विवाद समाप्त होंगे। फिलहाल, सरकार के इस निर्णय से बड़ी संख्या में मृतक आश्रितों को लाभ मिलेगा।

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