सचिन पायलट को झेलना पड़ा कोरोना काल में रखे गये कर्मियों का गुस्सा, नारेबाजी कर रखी ये मांगें

राजस्थान के श्रीगंगानगर में आज पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट का कोविड हैल्थ असिस्टेंट (सीएचए) कर्मचारियों ने घेराव करते हुए सरकारी नौकरी में बहाल करवाने की मांग रखी। पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष  पायलट नई दिल्ली (सराय रोहिल्ला) एक्सप्रेस द्वारा आज सुबह श्रीगंगानगर पहुंचे। सीएचए कर्मचारी संघर्ष समिति के प्रदेश संयोजक सुखदीप सुखी की अगुवाई में काफी संख्या में सीएचए कर्मचारियों ने  पायलट को ट्रेन से उतरते ही घेर लिया।

 

यह कर्मचारी नारेबाजी करते हुए सरकारी सेवा में वापस लिए जाने की मांग करने लगे। श्री पायलट के ट्रेन से उतर कर रेलवे स्टेशन के बाहर परिसर में अपनी गाड़ी तक पहुंचने के दौरान सीएचए कर्मचारी लगातार उनके आगे पीछे नारेबाजी करते रहे। वे बार-बार मांग कर रहे थे कि उनको वापिस सरकारी सेवा में लिया जाए। घेराव करने वालों में महिला कर्मी भी काफी संख्या में शामिल रहीं। उन्होंने चिल्ला चिल्ला कर सचिन पायलट का ध्यान अपनी मांग की तरफ और जयपुर में शहीद स्मारक पर चल रहे धरने की तरफ आकृष्ट करवाया।

 

कांग्रेसजनों द्वारा रेलवे स्टेशन पर सचिन पायलट का जोरदार स्वागत किया गया। धक्का-मुक्की और रेलम पेल के बीच सीएचए कर्मचारी सचिन पायलट के समक्ष अपनी बात रखने में सफल रहे। प्रदेश संयोजक सुखदीप सिंह अटवाल ने बताया कि जब तक सभी कर्मचारियों को वापिस सेवा में नहीं लिया जाएगा, तब तक उनका आंदोलन जारी रहेगा। उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार ने वर्ष 2020 में कोविड संक्रमण को देखते हुए चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग में कोविड सहायकों की अस्थाई तौर पर नियुक्तियां की थीं।

 

वर्ष 2021 में भी इन सहायकों से इस महामारी से निपटने में सहयोग लिया गया। सी एच ए फ्रंटलाइन वर्कर बनकर काम किया। इस वर्ष संक्रमण कमजोर पड़ने पर राज्य सरकार ने 31 मार्च के बाद इनके सेवाकाल को नहीं बढ़ाया। अब यह कर्मचारी वापिस सेवा में लेने की मांग कर रहे हैं।

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