आपदा जोखिम न्यूनीकरण में महिला स्वयं सहायता समूहों की भूमिका’’ विषय पर एक दिवसीय मण्डल स्तरीय प्रशिक्षणकार्यशाला आयोजित

मुन्ना सिंह/बाराबंकी : प्रदेश के  राज्यमंत्री राजस्व विभाग अनूप प्रधान द्वारा आज उत्तर प्रदेश राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण बाराबंकी की सहभागिता में राजकमल हाॅल में ‘‘आपदा जोखिम न्यूनीकरण में महिला स्वयं सहायता समूहों की भूमिका’’ विषय पर आयोजित एक दिवसीय मण्डल स्तरीय प्रशिक्षण कार्यशाला का शुभारम्भ किया गया। इस प्रशिक्षण कार्यशाला में सर्पदंश से बचाव हेतु एक जागरूकता पोस्टर का भी विमोचन किया गया।

कार्यक्रम में अनूप प्रधान  ने कहा कि आपदा जोखिम प्रबंधन हेतु महिलाओं की भागीदारी तथा नेतृत्व को प्रोत्साहित करना आवश्यक है। किसी भी आपदा के दौरान बच्चे, वृद्ध व अस्वस्थ व्यक्ति तथा महिलाएं सर्वाधिक संवेदनशील होते हैं। महिलाएं किसी भी आपदा में सबसे अधिक प्रभावित होती हैं। महिलाओं को आपदा प्रबंधन से संबंधित प्रशिक्षण देकर समुदाय के सर्वाधिक संवेदनशील समूह को जागरूक एवं सुरक्षित बनाया जा सकता है।

आपदा प्रबंधन के विभिन्न चरणों एवं गतिविधियों के कुशल संचालन में महिला स्वयं सहायता समूहों को प्रथम प्रतिक्रियाकर्ता के रूप में प्रशिक्षित करते हुए सम्पूर्ण समुदाय को जागरूक व प्रशिक्षित कर विभिन्न आपदाओं से होने वाली जन-धन एवं पर्यावरण की हानियों को न्यूनतम किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश के परिप्रेक्ष्य में विभिन्न आपदाओं के प्रकार, कारण तथा संवेदनशीलता से स्वयं सहायता समूहों को अवगत कराना है।

समुदाय की अंतिम इकाई तक आपदाओं के संबंध में जागरूकता फैलाना है। आपदाओं की रोकथाम, शमन की तैयारी तथा आपदा के समय ‘‘क्या करें व क्या न करें’’ के संबंध में महिलाओं को जानकारी प्रदान करना है। आपदा पूर्व तैयारी, आपदा के दौरान किए जाने वाले कार्य तथा आपदा के पश्चात पुनर्वास में महिला स्वयं सहायता समूहों की भूमिका को रेखांकित करना इत्यादि है।

प्रशिक्षण कार्यक्रम में अनूप प्रधान जी ने कहा कि 2017 से पूर्व प्रदेश के 38 जनपद बाढ़ आपदा से प्रभावित थे, जो आज वर्तमान में घटकर मात्र 05 जनपद ही बाढ़ आपदा से प्रभावित शेष बचे है। उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार इन जनपदों के बाढ़ प्रभावित किसानों की फसल का जो नुकसान होता है, उसकी जाॅच कराकर मुआवजा भी देती है। इसके साथ ही उन्होंने बताया कि जो 38 जनपद बाढ़ प्रभावित थे, उस क्षेत्र के लगभग पच्चीस हजार युवाओं को बाढ़ आपदा प्रबन्धन हेतु प्रशिक्षण भी दिया गया है। उन्होंने कहा कि आपदाओं के न्यूनीकरण के लिए महिलाओं की भागीदारी बहुत जरूरी है। महिलाएं आगे बढ़ेगी तभी हमारा समाज भी आगे बढ़ेगा और अधिक सक्षम होगा। उन्होंने कहा कि इस कार्यशाला में विभिन्न सत्रों के माध्यम से जो कुछ सिखाया और बताया जा रहा है उसको अपने जीवन में उतारे तभी इस कार्यशाला का उद्देश्य पूरा होगा।

अपर जिलाधिकारी अरूण कुमार सिंह द्वारा आपदा प्रबंधन से सम्बन्धित विभिन्न वीडियो एवं आईईसी सामग्री का प्रदर्शन एवं प्रश्नोत्तरी सत्र के उपरान्त कार्यक्रम का समापन एवं पुरस्कार वितरण किया गया।

कार्यशाला के दौरान एवीएसएम उपाध्यक्ष ले.जनरल आरपी शाही, वरिष्ठ सलाहकार ब्रिगे0 पी के सिंह, प्रोजेक्ट डायरेक्टर द्वय  अदिति उमराव व  कनीज फातिमा, मुख्य विकास अधिकारी  एकता सिंह, अपर जिलाधिकारी अरूण कुमार सिंह, उपजिलाधिकारी सदर विजय कुमार त्रिवेदी, उपजिलाधिकारी(न्यायिक) चन्द्रकान्त, जिला पूर्ति अधिकारी राकेश तिवारी, सहित मण्डल के समस्त जनपदों के आपदा विशेषज्ञ तथा स्वयं सहायता समूह की महिलाएं मौजूद रही।

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