आर.जी.आई.पी.टी एवं ओ.एन.जी.सी. के बीच शोध कार्य हेतु समझौते पर हस्ताक्षर
Raebareli: राजीव गाँधी पेट्रोलियम प्रौद्योगिकी संस्थान (आर.जी.आई.पी.टी.), जायस, अमेठी ने ओ.एन.जी.सी. के मेहसाणा एसेट के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किया है। इस समझौत के अंतर्गत दोनों संगठन “माइक्रोवेव-असिस्टेड मोबिलाइजेशन ऑफ विस्कस क्रूड ऑयल फॉर इम्प्रूव्ड ऑयल रिकवरी एंड फ्लो एश्योरेंस एप्लिकेशन: ए स्टडी ऑन लैब टू फील्ड एप्रोच” पर शोध कार्य करेंगे।
इस समझौते पर आर.जी.आई.पी.टी. की ओर संस्थान के निदेशक प्रो. ए. एस. के. सिन्हा एवं ओ.एन.जी.सी. के मेहसाणा एसेट के निदेशक एवं संपत्ति प्रबंधक सुदीप गुप्ता ने हस्ताक्षर किए। इस अवसर पर ओ.एन.जी.सी. की ओर मुख्य महाप्रबंधक (रखरखाव) एन. मुरली तथा आर.जी.आई.पी.टी. के संकाय सदस्य उपस्थित रहे।
यह समझौता ओएनजीसी, मेहसाणा एसेट और राजीव गाँधी पेट्रोलियम प्रौद्योगिकी संस्थान को कच्चे तेल की सतह और उपसतह परिष्करण के लिए विभिन्न नावाचारों से संबंधित अपनी विशेषज्ञता का लाभ उठाने की साझा प्रतिबद्धताओं तथा दृष्टिकोणों को औपचारिक प्रारूप देकर इस क्षेत्र में आगे कार्य करने हेतु प्रेरित करेगा।
इस अवसर पर अपना विचार व्यक्त करते हुए ओ.एन.जी.सी. के मेहसाणा एसेट के निदेशक एवं संपत्ति प्रबंधक सुदीप गुप्ता ने कहा कि यह परियोजना देश में गैस की खपत को कम करने में सहायक हो सकती है और उससे पर्वयावरण सुरक्षा को बढ़ावा मिल सकेगा।
ओ.एन.जी.सी. का आभार व्यक्त करते हुए संस्थान के निदेशक प्रो. ए. एस. के. सिन्हा ने कहा कि हमारे संस्थान ने उत्कृष्ट शोध संरचना विकसित किया है और उसी के आधार पर संस्थान को एन.आई.आर.एफ. 2023 की रैंकिंग में 79वाँ स्थान प्राप्त हुआ है। उन्होंने आगे कहा कि आज हस्ताक्षरित यह शोध परियोजना, भारत को कार्बन न्यूट्रल बनाने में एक सहयोग करेगा।
इस समझौते के अन्तर्गत आर.जी.आई.पी.टी. की ओर सहायक प्राध्यापक डॉ. अमित सक्सेना एवं सह-प्राध्यापक डॉ. शिवांजलि शर्मा मिलकर ओ.एन.जी.सी. मेहसाणा एसेट के साथ कच्चे तेल के परिष्करण, प्राप्ति और उसके उन्नयन के लिए माइक्रोवेव के विकास और कार्यान्वयन पर कार्य करेंगे। यह साझेदारी ओ.एन.जी.सी. के गहन औद्योगिक ज्ञान एवं वृहद् अनुभव को आर.जी.आई.पी.टी. की महती शोध क्षमताओं एवं उन्नत प्रौद्योगिकी के साथ जोड़ती है। साथ ही, दोनों संगठन मिलकर सहकारात्मक नवाचार, उन्नत परिचालन दक्षता एवं उद्योग-शैक्षणिक जगत सहयोग को आगे बढ़ाने का कार्य करेंगे।