दावेदारी को लेकर सियासी पारा गर्म आखिर कौन होगा लोकसभा का प्रत्याशी
मुन्ना सिंह /बाराबंकी : जनपद में सांसद प्रत्याशी को लेकर संशय बरकार है अभी तक भाजपा के शीर्ष नेतृत्व ने प्रत्याशी घोषित नही किया अपनी दावेदारी को लेकर दावेदार प्रत्याशियों की धड़कने बड़ी हुई है एक और दावेदार आरती रावत मौजूदा समय में ब्लाक प्रमुख हैं और इनके पति विधायक है। इनके नाम पर कमजोर हो गई है। कार्यकर्ताओ में परिवारवाद का संदेश जाने से इनकी दावेदारी। आरक्षित सीट पर हाई कमान के पास साफ-सुथरी छवि के विकल्प कम ही हैं।
इसके अलावा पूर्व सांसद प्रियंका रावत के नाम की चर्चां भी है। लेकिन हाल फिलहाल मौजूदा सांसद के कथित वीडियो वायरल होने पर अंदर खाने प्रियंका रावत पर ही लोग आशंका जता रहें है।जिससे इनकी भी दावेदारी पर एक प्रश्न चिन्ह खड़ा हैं।इस दौरान देखा गया कि कभी भी उनका ठेका पट्टी में दखल नहीं है। जिले की राजरानी रावत एक स्वच्छ छवि रखने की सफल नेत्री प्रत्याशी है। वह पूर्व में दो बार कुर्सी विधानसभा से विधायक रह चुकी रहा।वर्तमान में वह सब से ईमानदार है।
जिले की राजरानी रावत एक ऐसी नेता है जिनका कोई भी वारिस नहीं हैं। ऐसे में उनक द्वारा जन सेवा को प्राथमिकता देने की बात बताई जा रही है। इनके नाम पर अब तक कोई प्रॉपर्टी व लग्जरी गाडियां भी नही है। एक तरह से यह भाजपा नेत्री में क्या चल रहा है और या डैमेज कंट्रोल कैसे किया जाए यह स्थिति बनी हुई है। कहा जा रहा है कि यहां एक बार फिर उपेंद्र रावत दोबारा चुनाव लड़ सकते हैं। लेकिन जनपद वासियों की राय है कि राजरानी रावत, एक महिला प्रत्याशी हैं। जोकि सांसद उपेंद्र रावत के बाद सबसे मजबूत बाराबकी। जिले की लोकसभा सीट पर भारतीय जनता पार्टी ने जब अपने प्रत्याशी के नाम का एलान किया तो पार्टी ने मौजूदा सांसद उपेंद्र सिंह रावत को प्रत्याशी बनाया। हालांकि नाम ऐलान होने के अगले ही दिन उनका एक कथित वीडियो वायरल हो गया। जिसके बाद बीजेपी नेता ने खुद ही चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया।हालांकि संभावना इस बात की है।कि बीजेपी इस बार भी रावत समाज से ही प्रत्याशी बनाएगी।लेकिन अभी बीजेपी के अंदर खाने बड़ी चुनौती है।अयोध्या सहित पूर्वांचल का प्रवेश द्वार कहलाए लोकसभा सीट पर बड़ी अजीब स्थिति बनी हुई है।