भारत को इस्लामिक राष्ट्र बनाने की पीएफआई की साजिश, बिहार में छापे के दौरान आतंकी ट्रेनिंग सेण्टर का खुलासा
बिहार की राजधानी पटना में भारत को आने वाले समय में इस्लामिक राष्ट्र बनाए जाने की साजिश चल रही थी। पीएफआई (पापुलर फ्रंट ऑफ इंडिया) के संरक्षण में बड़े आतंकी ट्रेनिंग सेंटर का खुलासा हुआ है। बिहार पुलिस ने छापेमारी कर दो संदिग्ध आतंकियों को गिरफ्तार किया है। जो दस्तावेज बरामद हुए हैं उनसे खुलासा हुआ है कि पीएफआई की साल 2047 तक भारत को इस्लामिक राष्ट्र बनाने की साजिश थी। इसके लिए मुस्लिम युवाओं को हथियार चलाने, धार्मिक उन्माद फैलाने और हिंसा करने और भड़काने की ट्रेनिंग दी जा रही थी।
दरअसल ये खुलासा तब हुआ जब पटना पुलिस ने 11 जुलाई को गुप्त सूचना के आधार पर छापे मारे। खुफिया एजेंसियों के इनपुट के आधार पर फुलवारी शरीफ इलाके के नया टोला में स्थित पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के कार्यालय पर 11 जुलाई को ये छापे मारे गए। मौके से जो सामान बरामद हुआ वह पीएफआई की देश विरोधी गतिविधि को उजागर करने के लिए काफी था। संदिग्ध और आपत्तिजनक दस्तावेज जो बरामद हुए उसमें पीएफआई के मिशन-2047 का खुलासा हुआ। इन्हीं दस्तावेजों से पता चला कि भारत को अगले 25 सालों में इस्लामिक राष्ट्र बनाने की साजिश रची जा रही है।
गिरफ्तार अभियुक्त में एक दरोगा रह चुका है
बिहार पुलिस ने बताया कि मौके से दो संदिग्ध आतंकियों को गिरफ्तार किया गया है। इसमें से एक का नाम मोहम्मद जलालुद्दीन है और दूसरे का अतहर परवेज है। जलालुद्दीन झारखंड पुलिस में दारोगा था। वह जल्द ही रिटायर हुआ था। वहीं, अतहर परवेज प्रतिबंधित आतंकी संगठन सिमी का भी सक्रिय सदस्य रह चुका है।
उसका भाई भी आतंकी गतिविधियों में शामिल रहा है। वह बम ब्लास्ट के एक मामले में जेल जा चुका है। अतहर खुद भी जेल जा चुका है और इस समय जमानत पर बाहर है।
हिंसा के लिए बदनाम है पीएफआई
बहुत से आतंकी संगठनों का खुलासा होने और कई पर बैन लगने के बाद देश विरोधी तत्वों ने पीएफआई यानी पापुलर फं्रट ऑफ इंडिया का गठन किया था। दरअसल आतंकी संगठन सिमी पर प्रतिबंधित के बाद इंडियन मुजाहिद्दीन का गठन किया गया था। 2013 में आतंकी यासीन भटकल की गिरफ्तारी से इंडियन मुजाहिद्दीन ना केवल कमजोर हुआ बल्कि उसकी कमर ही टूट गई थी। इसके बाद बिखरे हुए सदस्यों को फिर से सक्रिय करने और जोड़े रखने के लिए नए संगठन को खड़ा करने की बात कही गयी। इसी के तहत इंडियन मुजाहिद्दीन के पतन के बाद देश के विभिन्न राज्यों में पीएफआई और उसकी सहयोगी संस्था सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया को मजबूत करने का काम किया गया। केरल की दो और कर्नाटक की एक संस्था को मिलाकर पीएफआई का गठन किया गया था। बीते कुछ सालों में हुई बहुत सी बड़ी घटनाओं में पीएफआई का नाम सामने आ चुका है। सीएए और एनआरसी लागू करने के समय जब हिंसा हुई तब भी इसी संगठन का नाम सामने आया था। जिसके बाद बहुत से सदस्यों को पुलिस ने गिरफ्तार भी किया था।