सरदार वल्लभभाई पटेल महाविद्यालय में मनाई गई पटेल जी की जयन्ती
सरदार पटेल ने किया था देश को एकता के सूत्र में पिरोने का काम : चौधरी
रायबरेली : बछरावां क्षेत्र के सरदार वल्लभभाई पटेल महाविद्यालय तमनपुर में बड़े ही हर्षोउल्लास पूर्वक भारतरत्न लौहपुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल की जयन्ती मनाई गई। कार्यक्रम का शुभारम्भ महाविद्यालय के प्रबन्धक अमर सिंह चौधरी द्वारा सरदार वल्लभभाई पटेल की प्रतिमा पर माल्यार्पण से किया गया। श्री चौधरी ने पटेल जी के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि सरदार वल्लभभाई पटेल का जन्म 31 अक्टूबर 1875 को गुजरात के नडियाद में हुआ था। उन्होंने कहाकि आधुनिक भारत के निर्माता सरदार वल्लभभाई पटेल ने स्वतंत्रता संग्राम में अहम भूमिका निभाई थी। जिन्होंने 562 रियासतों को एकीकृत करके देश को एकता के सूत्र में पिरोने का काम किया था। जिनके इस योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता। देश को गुलामी की बेड़ियों से आजादी मिलने के बाद वे देश के पहले उप प्रधानमंत्री और गृहमंत्री बने।आजादी के बाद विभिन्न रियासतों में बिखरे भारत के भू-राजनीतिक एकीकरण में केंद्रीय भूमिका निभाने के लिए पटेल को ‘भारत का बिस्मार्क’ और ‘लौहपुरुष’ भी कहा जाता है। सरदार वल्लभभाई पटेल वर्णभेद तथा वर्गभेद के कट्टर विरोधी थे। इंग्लैंड में वकालत पढ़ने के बाद भी उनका रुख पैसा कमाने की तरफ नहीं था। इस मौके पर विद्यालय के अध्यक्ष सहदेव पटेल, प्राचार्य डॉ.अभय सिंह,डा.मालती मिश्रा,डा.फूल सिंह, प्रदीप कुमार, शिक्षिका प्राची , जमदेव सिंह, बाबू वीरेंद्र, सुधीर शर्मा, अविनाश, देशराज, शहाबदीन, केतार, अरविन्द कुमार आदि लोगों ने सरदार वल्लभभाई पटेल के आदर्शों एवं सिद्धांतों को आत्मसात करने का संकल्प लिया।
दबाव और प्रभाव में खब़र न दबेगी,न रुकेगी