श्री बटेश्वर बाबा का एक दिवसीय ऐतिहासिक मेला सम्पन्न
रामलीला में हुआ सीता स्वयंवर का भव्य मंचन
शिवगढ़,रायबरेली। क्षेत्र के दहिगवां में श्री बटेश्वर बाबा का एक दिवसीय ऐतिहासिक मेला सम्पन्न हुआ। हर साल की तरह मेले में रामलीला का भव्य आयोजन किया गया। रामलीला में सीता स्वयंवर का आयोजन किया गया। जिसमें गुरु विश्वामित्र, राजा जनक, राम, लक्ष्मण, सीता और परशुराम के पात्रों ने बेहतरीन प्रदर्शन किया। सीता स्वयंवर, धनुष यज्ञ, रावण – बाणासुर संवाद, परशुराम – लक्ष्मण संवाद का मंचन किया गया। कलाकारों ने जीवान्त मंचन कर दर्शकों को भाव विभोर कर दिया।
लीला का शुभारम्भ राजा जनक द्वारा चारों दिशाओं में भेजे गये आमंत्रण से शुरू हुआ। देश विदेश के राजा स्वयंवर में पहुंचते हैं। लंकापति दशानन रावण व पाताल के राजा बाणासुर को स्वप्न में पता चलता है कि जनकपुर में स्वयंवर रचा गया है। दोनों धनुष यज्ञ स्थल पर पहुंचकर एक दूसरे से संवाद करते हैं। बन्दी द्वारा राजा जनक की प्रतिज्ञा सबको सुनाई जाती है। राजा जनक द्वारा पृथ्वी वीरों से खाली है कहे जाने पर लक्ष्मण क्रोधित होकर अपने स्थान से उठ जाते है। राम उन्हें शांत करते हैं। गुरु विश्वामित्र की आज्ञा पाकर राम विदेहराज की प्रतिज्ञा पूरी कर सीता से वरमाला पहनते हैं। धनुष टूटने पर परशुराम क्रोधित होकर पहुंचते हैं। जहां लक्ष्मण परशुराम संवाद होता है। अंत में राम का परिचय जानने के बाद परशुराम शांत होकर चले जाते हैं। पूर्व प्रधान प्रतिनिधि पवन शुक्ला ने बताया कि पिछले 5 दशक पूर्व से दीपावली के बाद पड़ने वाले पहले बृहस्पतिवार को श्री बटेश्वर बाबा के मेले का एक दिवसीय आयोजन किया जाता है। जिसमें क्षेत्र ही नही दूरदराज से हजारों श्रद्धालु मेले में आकर मन्दिर में माथा टेककर मनोकामनाए मांगते हैं। रामलीला में नन्हा मिश्रा ने विश्वामित्र का, अनिकेत शुक्ला ने राम का, हर्ष अवस्थी ने लक्ष्मण का, मयंक ने सीता का जीवंत अभिनय कर दर्शकों का मन मोह लिया। इस मौके पर प्रेम कुमार शुक्ला, बब्बू शुक्ला, कृपाशंकर शुक्ला, विजय शंकर मिश्रा, घिश्यावन, रामनरेश अवस्थी, सूर्यकुमार शुक्ला, दिवाकर बाजपेई, रामपल्टन मौर्य आदि लोग मौजूद रहे।
दबाव और प्रभाव में खब़र न दबेगी,न रुकेगी