डेंगू को लेकर डरने की नहीं, सतर्क रहने की जरूरत

  • हर बुखार डेंगू नहीं, मिलते-जुलते लक्षण नजर आने पर तुरंत करें चिकित्सक से परामर्श : सीएमओ
  • डेंगू और बुखार से बचाव के लिए साफ सफाई जरूरी

उपेन्द्र शर्मा/बुलंदशहर। डेंगू को लेकर सतर्क रहने की जरूरत है न कि डरने की। हर बुखार डेंगू नहीं होता। डेंगू जैसे लक्षण नजर आने पर तुरंत अपने नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र पर जाकर चिकित्सक से परामर्श करें। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा विनय कुमार सिंह ने बताया जनपद के स्वास्थ्य केंद्रों पर डेंगू और बुखार की जांच और उपचार की सुविधा उपलब्ध हैं। जिला डिस्ट्रिक्ट पब्लिक हेल्थ एक्सपर्ट डा. रमित कुमार ने लोगों को बचाव के बारे में जानकारी दी।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ विनय कुमार सिंह ने बताया जनपद में डेंगू और बुखार के मरीजों को लेकर स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह से अलर्ट है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा डेंगू से लड़ने के लिए अस्पतालों में पूरे बंदोबस्त किए हैं। डेंगू को लेकर विभाग किसी भी तरह की कोताही नहीं बरतना चाहता है। जनपद के किसी गांव में बुखार या लोगों के बीमार होने की सूचना मिलें पर गांव में शिविर लगाए जा रहा हैं। उन्होंने बताया यदि किसी को बुखार के साथ शरीर में दर्द होने पर तुरंत जांच कराएं। इन दिनों बुखार के साथ शरीर में पानी की कमी से आमतौर पर रक्त में प्लेटलेट्स की संख्या का कम होना डेंगू का सबसे बड़ा लक्षण माना जाता है लेकिन, प्लेटलेट्स कम होने का मतलब सिर्फ यह नहीं कि मरीज को डेंगू ही है। कभी कभी अन्य वायरल में भी प्लेटलेट्स की कभी आ जाती है। जनपद के प्राथमिक से लेकर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर जांच और उपचार की सुविधा उपलब्ध है। ऐसे में जरूरत है कि बुखार आने पर तुरंत जांच करवाएं और नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र पर चिकित्सक से परामर्श करें और किसी झोलाछाप डाक्टर के चक्कर में न पड़ें। पंजीकृत चिकित्सकों से ही उपचार लें, ऐसे में उपचार के साथ साथ शरीर के लिए आराम की जरूरत है। चिकित्सकों की सलाह से ओआरएस के साथ साथ पानी अधिक से अधिक लेते रहें।

 

डेंगू की पुष्टि के लिए एलाइजा टेस्ट जरूरी:

 

जिला पब्लिक हेल्थ एक्सपर्ट डा. रमित कुमार ने बताया डेंगू की पुष्टि के लिए एलाइजा जांच जरूरी होती है। बगैर एलाइजा जांच कराए किसी भी मरीज को डेंगू से पीड़ित घोषित नहीं करना चाहिए। इस संबंध में जिले के सभी सरकारी व निजी चिकित्सालयों को निर्देश भी दिए जा चुके हैं।

 

चिकित्सक की सलाह से लें उपचार

 

डा. रमित ने कहा आमतौर पर लोग बुखार आने पर स्वयं डाक्टर बन जाते हैं और खुद दवा खाने लगते हैं। ध्यान रखें कि बुखार आने पर खुद दवा न लें। नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर चिकित्सकीय परामर्श के बाद ही दवा का सेवन करें। कई बार गलत दवा विपरीत असर कर देती है।

 

मच्छरों से बचाव के उपाय करें, सफाई रखें, स्वस्थ रहें

जिला मलेरिया अधिकारी नज्जार अहमद ने बताया डेंगू एडीज मच्छर के काटने से होता है। यह मच्छर दिन के समय काटता है और साफ पानी में पनपता है। इस लिए ध्यान रखें कि अपने घर और घर के आस-पास साफ पानी इकट्ठा न रहने दें।

 

रोग के लक्षण

-बुखार के साथ सर्दी लगना, कंपकपी आना (संभावित मलेरिया)

बुखार के साथ त्वचा पर चकत्ते, जबड़े से, मूत्र के साथ अथवा मल के साथ रक्तस्राव, सिरदर्द, आंख के पीछे दर्द, बुखार, मांसपेशियों में दर्द, जोड़ों में दर्द, पेट दर्द, जी‌ मिचलाना, उल्टी (संभावित डेंगू)

बुखार के साथ जोड़ों में दर्द होना (संभावित चिकनगुनिया)

बुखार के साथ खांसी जुकाम, फ्लू जैसे लक्षण (संभावित स्वाइन फ्लू, कॉमन फ्लू

 

डेंगू से बचाव

डेंगू से बचाव के लिए मच्छरों से बचाव करें

घर के आसपास या घर में पानी जमा न होने दें

खासकर गमले और फ्रीज की ट्रे साफ रखें

पूरे शरीर को ढकने वाले कपड़े पहनें

सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करें

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