नवरात्रि में की गई देवी मां के नौ स्वरूपों की आराधना
रिपोर्ट – अंगद राही
- भक्तों ने हवन पूजन एवं कन्या भोज से पूरा किया नवरात्रि व्रत।
रायबरेली। नवरात्रि की नवमी के पावन अवसर पर मां दुर्गा की नौवीं शक्ति मां सिद्धिदात्री का पूजन किया गया। रविवार को श्रद्धालुओं द्वारा घरों, मन्दिरो और देवी पण्डालों में विधि-विधान पूर्वक हवन पूजन किया गया। इसके बाद श्रद्धालुओं ने कन्याओं को भोजन कराया गया। नौ दिनों तक श्रद्धालुओं ने देवी मां के नौ स्वरूपों की अराधना और उनका ध्यान किया।
हर दिन माता रानी के विशेष स्वरूप की पूजा का अलग ही महत्व होता है। इसलिए अधिकांश भक्तों ने उपवास रखकर कलश स्थापना की। प्रतिदिन मां के स्वरूप की विधिवत पूजा अर्चना की गई। किसी ने परवा और अष्टमी का व्रत रखा, तो किसी ने सप्तमी का उपवास रखने के बाद अष्टमी को कन्या भोज कराने के साथ परायण कर दिया।
जिन लोगों ने पूरे नवरात्र का व्रत माना था उन्होंने नवमी की पूजा के बाद हवन व कन्या भोज कराने के बाद प्रसाद ग्रहण कर परायण किया। जिसमें मां सिद्धिदात्री शक्तिपीठ अहलादगढ़ भवानीगढ़,मां दुर्गा मन्दिर पिपरी,मां चामुंडा मंदिर बैंती, सहित मन्दिरों में सुबह से ही श्रद्धालुओं के पहुंचने का सिलसिला शुरू हो गया। नवमी पर मन्दिरों में कन्या भोज कराया गया।
इसके साथ ही मन्दिरों में विशेष पूजा अर्चना कराई गई। सुख, शांति व समृद्धि की नवमी पर घर-घर कन्या भोज का आयोजन होने के कारण देवी मां के स्वरूप में नन्ही देवियां घर-घर न्यौती गई। कुछ लोगों को कन्या भोज कराने के लिए कन्याएं ही मिलना मुश्किल हो गई।
दूसरों के घरों में निमंत्रित कन्याओं को अपने घरों में लेकर कन्या भोज कराने की होड़ देखी गई। जिन मोहल्लों में कन्याएं कम थी वहां सबसे ज्यादा मारामारी देखी गई। वहीं बड़े-बूढ़े कहते नजर आए कन्याओं के प्रति सोच को बदलना होगा। बेटी नहीं होगी तो देवी मां की आराधना के बाद उनकी कृपा मिलना भी मुश्किल हो जाएगा।