सीपीएचसी और ई-कवच एप से होगी कुपोषण व टीकाकरण पर निगरानी।
रिपोर्ट – उपेंद्र शर्मा
- बीपीएम- बीसीपीएम को दिया एक दिवसीय प्रशिक्षण।
बुलंदशहर,13 अप्रैल 2022। सरकार द्वारा प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं को लगातार डिजिटल किया जा रहा है। बुधवार को सीपीएचसी एप्लीकेशन तथा ई-कवच पर एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. वीके सिंह की अध्यक्षता में मुख्य चिकित्सा अधिकारी सभागार में हुआ। अब ग्रामीण क्षेत्र की आशा कार्यकर्ता रजिस्टर के स्थान पर ई-कवच मोबाइल एप्लीकेशन पर कार्य करेंगी। जनपद के सभी ब्लॉक प्रोग्राम मैनेजर (बीपीएम) एवं ब्लॉक कम्युनिटी प्रोसेस मैनेजर (बीसीपीएम) आपरेटर व अन्य स्टाफ को प्रशिक्षण दिया गया।
अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. रोहताश यादव ने प्रशिक्षण के दौरान कहा – सीपीएचसी एप्लीकेशन तथा ई-कवच से बच्चों और महिलाओं के कुपोषण व टीकाकरण की हकीकत पता चलेगा। एप्लीकेशन के माध्यम से स्वास्थ्य इकाई एवं समुदाय में प्रदान की जा रही स्वास्थ्य सेवाओं के आंकड़ों को उनके स्रोत स्तर पर ही एकत्र कर उनकी व्यापक उपयोगिता सुनिश्चित की जाती है। उन्होंने बताया प्राइमरी हेल्थ स्वास्थ सेवाओं को अपग्रेड करने के लिए डिजिटल हेल्थ मिशन के तहत सभी स्वास्थ्य उपकेन्द्रों को ऑनलाइन करते हुए फ्रंटलाइन वर्कर आशा, एएनएम, आशा संगिनी के माध्यम से ऑनलाइन डाटा फीडिंग का कार्य कराया जाएगा।
जिला कार्यक्रम प्रबंधक हरी प्रसाद ने बताया- वित्तीय वर्ष 2022-23 में सभी कार्यक्रम की फीडिंग ऑनलाइन आशा एएनएम के द्वारा मोबाइल से की जाएगी। आशा कार्यकर्ता के द्वारा अब आशा डायरी, संगिनी डायरी आरसीएच रजिस्टर सर्वे का काम मोबाइल पर किया जाएगा। इसके लिए जिला स्तरीय प्रशिक्षित बीपीएम, बीसीपीएम ऑपरेटर द्वारा आशा, एएनएम एवं सीएचओ को ब्लॉक स्तरीय प्रशिक्षण दिया जायेगा।
डीपीएम ने इस एप्लीकेशन के लाभ बताते हुए कहा – इससे उच्च जोखिम वाली गर्भवती महिलाओं के फालोअप और प्रबंधन में सुधार होगा। गर्भवती महिलाओं की डिजिटल ट्रैकिग हो सकेगी, स्वास्थ्य विभाग ने फर्जी रिपोर्टिंग रोकने, कुपोषण और टीकाकरण की हकीकत जानने के लिए ई-कवच एप लांच किया है।