यही अरमान हिंदुस्तान सदा रंग बिरंगा रहे, चिरकाल तक लहराता हुआ अपना तिरंगा रहे..…
- मुन्ना खेड़ा मजरे बहादुर नगर में विराट कवि सम्मेलन हुआ सम्पन्न।
शिवगढ़,रायबरेली। शिवगढ़ क्षेत्र के मुन्ना खेड़ा मजरे बहादुर नगर में विराट कवि सम्मेलन सम्पन्न हुआ। कवि सम्मेलन में कवियों ने हास्य, व्यंग्य,ओज एवं श्रंगार रस से ओतप्रोत कविताएं पढ़कर शमा बांध दी। गौरतलब हो कि शिवगढ़ क्षेत्र के मुन्ना खेड़ा मजरे बहादुर नगर में कवि शिवकुमार आकाश हलचल द्वारा विराट कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। कवि सम्मेलन का शुभारम्भ बछरावां विधायक श्यामसुंदर भारती द्वारा मां सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्ज्वलन से किया गया।
सीतापुर से आई मशहूर कवियत्री गीता श्रीवास्तव ने नयन मां शारदे तेरा गीत गाकर कवि सम्मेलन की शुरुआत की। वहीं सीतापुर से आए कवि राम किशोर श्रीवास्तव ने श्रृंगार रस से ओतप्रोत कविता दास्तान ए मोहब्बत सुनाई थी तुमको, न जाने कहां डायरी खो गई है… पढ़कर खूब तालियां बटोरी। वहीं रानीखेड़ा बछरावां के मशहूर कवि डॉ.सद्गुरु प्रेमी ने हास्य व्यंग की अवधी विधा में ग्रीष्म घटनाओं पर आधारित कविता- तुम कसम खाव तौ हम जानी… गाकर सभी को तालियां बजाने के लिए मजबूर कर दिया।
उन्नाव से आए ओज कवि सूर्यकांत अंगारा ने यही अरमान हिंदुस्तान सदा रंग बिरंगा रहे, चिरकाल तक लहराता हुआ अपना तिरंगा रहे – पढ़कर सभी को देशभक्ति की भावना से ओतप्रोत कर दिया। बाराबंकी से आए कवि शैलेश माही की कविता-मां ही तो ये जग सारा, पापा से जीवन हमारा सुनकर सभी भावुक हो गए।
महराजगंज से आए ओज कवि अभिषेक सिंह आशू ने कविता कुछ बंदर हमको अदरक का स्वाद बताने आए हैं, वहीं नास्तिक अब हमको शिवनाथ सुनाने आए हैं। पढ़कर सबको मंत्रमुग्ध कर दिया। मंच संचालन कर रहे रायबरेली से आए कवि अमरपाल अमर ने नित्य प्रति उन मां बाप का बंधन जरूरी है कविता पढ़़कर खूब तालियां बटोरी।
वहीं शिवगढ़ क्षेत्र के राजापुर के रहने वाले मशहूर कवि जमुना प्रसाद पांडेय अबोध ने हास्य व्यंग की अवधी विधा में कविता योगी जी तुम द्वापर के कन्हैया आहिव….पढ़़कर सबको तालियां बजाने को मजबूर कर दिया। आजमगढ़ से आए शिवनारायण यादव सारथी ने दो धड़ों में बंटी है खड़ी युद्व में…कविता पढ़कर सभी को देशभक्ति की भावना से ओतप्रोत कर दिया।
अन्त में कवि सम्मेलन के आयोजक शिवकुमार आकाश हलचल ने सभी कवियों के सम्मान में कविता – जिनके संग-संग कलम चली, ऐसे प्रिय पुरुष मेरे महान है पढ़कर सभी कवियों का तहे दिल से आभार प्रकट किया। इस मौके पर शिवबरन चौधरी, डॉ.गिरजा शंकर, राजेश, मुनेश्वर पासी, राकेश, राजेश,रामदेव, वीरेंद्र, अवधेश, विशाल, सुनील, रामशंकर, सुरेश कुमार सहित सैकड़ों की संख्या में लोग मौजूद रहे।
दबाव और प्रभाव में खब़र न दबेगी,न रुकेगी