Manu Bhaker: How much money was spent on Manu's girlfriend? Sports Minister's disclosure, said- Bhakar is the den of Khelo India

Manu Bhaker: मनु की पेरिस ओलम्पिक की तैयारियों पर कितने रुपये खर्च हुए ? खेल मंत्री ने किया खुलासा, कहा- खेलो इंडिया की देन हैं भाकर

श्री डेस्क : खेल मंत्री मनसुख मांडविया ने सोमवार को कहा कि ओलंपिक खेलों में पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला निशानेबाज बनी मनु भाकर सरकार के खेलो इंडिया अभियान के तंत्र की देन हैं ।

भारत की स्टार निशानेबाज मनु भाकर ने रविवार को महिलाओं की 10 मीटर एयर पिस्टल स्पर्धा में कांस्य पदक जीता। खेल मंत्री मनसुख मांडविया ने सोमवार को कहा कि ओलंपिक खेलों में पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला निशानेबाज बनी मनु भाकर सरकार के खेलो इंडिया अभियान के तंत्र की देन हैं। भाकर ने कांस्य पदक जीत कर पेरिस में भारत के पदकों का खाता भी खोला था।

मांडविया ने कहा, ‘मैं मनु भाकर को बधाई देना चाहता हूं। उन्होंने भारत का नाम रोशन किया। उन्होंने खेलो इंडिया पहल के तहत प्रशिक्षण लिया था। पीएम मोदी ने फैसला किया था कि अगर देश को खेलों में आगे बढ़ाना है तो हमें बच्चों और युवाओं में प्रतिभा को पहचानना होगा। हमें खेलों के लिए बुनियादी ढांचा खड़ा करना होगा, राष्ट्रीय खेलों का आयोजन करना होगा। तभी देश खेलों में आगे बढ़ेगा। इसीलिए, बजट में खेलो इंडिया के लिए 900 करोड़ रुपये से अधिक आवंटित किए गए

मांडविया ने कहा, ‘जब मनु ओलंपिक खेलों से पहले प्रधानमंत्री मोदी से मिलीं, तो उन्होंने उन्हें बताया कि खेलो इंडिया की पहल ने उनके जैसे कई खिलाड़ियों को आगे बढ़ाने में मदद की है। आज खेलो इंडिया के माध्यम से कई खिलाड़ी विभिन्न प्रतियोगिताओं में भाग ले रहे हैं।’ भाकर ने अपने करियर में विश्व चैंपियनशिप का स्वर्ण पदक सहित कई अंतरराष्ट्रीय पदक जीते हैं। उन्होंने खेलो इंडिया खेलों में भी स्वर्ण पदक जीता है। मांडविया ने कहा, ‘खेलो इंडिया के दो महत्वपूर्ण हिस्से हैं, कीर्ति परियोजना के माध्यम से हम कॉलेजों में पढ़ रहे छात्रों के बीच प्रतिभा की पहचान कर रहे हैं और उन्हें उचित माहौल, प्रशिक्षण, छात्रावास सुविधाएं दे रहे हैं और उनके खर्चों का ख्याल रख रहे हैं।’ मंत्री ने कहा कि एक बार पहचान हो जाने के बाद खिलाड़ियों को लक्ष्य ओलंपिक पोडियम कार्यक्रम (टॉप्स) में शामिल किया जाता है जिसके तहत उन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेलने के मौके और अच्छे कोच मुहैया कराए जाते हैं।’

मांडविया ने कहा– मनु को भी अच्छा प्रशिक्षण दिया गया और TOPS योजना के तहत यह सुनिश्चित करने की व्यवस्था की गई कि उन्हें किसी भी वित्तीय बाधा का सामना न करना पड़े। मनु भाकर के प्रशिक्षण पर लगभग दो करोड़ रुपये खर्च किए गए। उन्हें प्रशिक्षण के लिए जर्मनी और स्विट्जरलैंड भेजा गया उन्हें एक कोच नियुक्त करने की आवश्यकता थी जिसे वह चाहती थीं। हम सभी एथलीटों को यह सुविधाएं प्रदान कर रहे हैं ताकि वे राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करें। मुझे विश्वास है कि हमारे एथलीट पेरिस ओलंपिक में भी अच्छा प्रदर्शन करेंगे।’

खेल मंत्री ने खिलाड़ियों के साथ निजी कोच भेजे जाने के फैसले का भी बचाव किया। मांडविया ने कहा, ‘पहले हमारे दल के सहयोगी स्टाफ और कोचों के पास खिलाड़ियों के साथ यात्रा करने के लिए सीमित सुविधाएं थीं। इस बार हमने खिलाड़ियों के साथ उनके निजी कोच भेजने का फैसला किया। जब हमारे खिलाड़ी अच्छा प्रदर्शन करते हैं तो देश का मनोबल भी बढ़ता है और मुझे पूरा विश्वास है कि हमारे खिलाड़ी देश को गौरवान्वित करेंगे।’

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