राष्ट्रपति की रेस में ममता भी दौड़ी, पहुंच गई शरद पवार को मनाने उनके घर
आने वाली 18 जुलाई को राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव होना है।सभी उम्मीदवारों में इस रेस में आगे निकले की होड़ शुरू हो गई है चुनाव से पहले TMC प्रमुख और पश्चिम बंगाल सीएम ममता बनर्जी विपक्ष को एकजुट करने में जुटी हैं। बुधवार को होने वाली बैठक के लिए कांग्रेस और आरएलडी प्रमुख जयंत चौधरी की हामी के बाद ममता बनर्जी एनसीपी प्रमुख शरद पवार को मनाने के लिए उनके घर पहुंचीं। हालांकि आधिकारिक तौर पर दोनों शीर्ष नेताओं की मुलाकात औपचारिक बताई जा रही है लेकिन, सूत्रों की मानें तो शरद पवार ने राष्ट्रपति की दौड़ से खुद को बाहर कर लिया था, इसी को लेकर उन्हें मनाने के लिए ममता खुद उनके घर पहुंची हैं।
आगामी 24 जुलाई को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का कार्यकाल पूरा हो जाएगा। देश के नए महामहिम के लिए चुनाव 18 जुलाई को होना है। इस बार NDA के पास राष्ट्रपति चुनाव के लिए बहुमत की कमी है। पिछली बार साल 2017 के इलेक्शन में तेलंगाना सीएम केसीआर और आंध्र प्रदेश के सीएम जगन मोहन रेड्डी ने एनडीए उम्मीदवार को अपना समर्थन दिया था लेकिन, इस बार समीकरण थोड़ा अलग हैं। कारण है केसीआर। केसीआर मोदी सरकार के खिलाफ विपक्ष को मजबूत करने की बात कर चुके हैं। तो इस गणित के अनुसार इस बार विपक्ष के पास भी राष्ट्रपति चुनाव में अहम भूमिका निभाने का बड़ा मौका है।
इस कड़ी में ममता बनर्जी ने पत्र लिखकर कांग्रेस को विपक्षी नेताओं की बैठक के लिए आमंत्रित किया था, जिसे कांग्रेस ने मंजूर कर दिया है। खबर है कि कांग्रेस प्रतिनिधि के तौर पर पार्टी के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे, जयराम रमेश और रणदीप सिंह सुरजेवाला बैठक में शामिल होंगे। कांग्रेस के अलावा आरएलडी प्रमुख जयंत चौधरी भी बैठक में शामिल होने जा रहे हैं। बैठक में विपक्षी नेताओं के जुटने के क्रम में सीपीआई (एम) के सांसद एलाराम करीम और सीपीएल सांसद बिनॉय विश्वम (सीपीआई) भी कल दिल्ली में विपक्ष की बैठक में शामिल होंगे।
क्या मानेंगे शरद पवार
राष्ट्रपति की दौड़ में विपक्ष ने शरद पवार को शामिल किया था लेकिन, उन्होंने इसमें खुद को बाहर कर दिया है। NCP नेताओं ने इस बात की पुष्टि की है कि शरद पवार राष्ट्रपति की दौड़ से बाहर हैं। बुधवार को विपक्ष की होने वाली बैठक से ठीक एक दिन पहले ममता बनर्जी का शरद पवार के घर जाकर उनसे मुलाकात करना बड़ा घटनाक्रम माना जा रहा है। देखने वाली बात होगी कि क्या शरद पवार ममता बनर्जी के प्रस्ताव को मानेंगे या नहीं?