एम्बुलेंस में गूंजी किलकारी, ईएमटी स्टाफ ने कराया सुरक्षित प्रसव
रिपोर्ट – उपेंद्र शर्मा
- जच्चा-बच्चा सुरक्षित, सीएचसी अरनियां में कराया भर्ती
बुलंदशहर, 26 अप्रैल 2022। एम्बुलेंस ने एक बार फिर लेबर रूम की भूमिका बखूबी निभाई। अस्पताल जा रही गर्भवती को रास्ते में प्रसव पीड़ा होने पर स्टाफ ने सुरक्षित प्रसव कराया। महिला ने पुत्र को जन्म दिया है। जच्चा-बच्चा दोनों सुरक्षित हैं। जच्चा-बच्चा को अरनियां सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र (सीएचसी) में भर्ती कराया गया है।
अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. बलराज सिंह ने बताया मंगलवार की सुबह जनपद के अरनियां ब्लाक के गांव ऊंचागांव निवासी सुनील कुमार द्वारा स्वास्थ्य विभाग के एम्बुलेंस हेल्पलाइन नम्बर 108 पर अपनी पत्नी के प्रसव के लिए अस्पताल जाने को एम्बुलेंस की मांग की गयी। समय पर पहुंची एम्बुलेंस से गर्भवती को एसएस जटिया महिला अस्पताल खुर्जा लाया जा रहा था। उसी दौरान रास्ते में गर्भवती को प्रसव पीड़ा तेज हो गई। एम्बुलेंस कर्मियों ने बिना समय गवाएं एम्बुलेंस को सड़क किनारे रोककर अपनी सूझबूझ से सुरक्षित प्रसव कराया। जच्चा-बच्चा दोनों स्वस्थ्य हैं। सुनील कुमार ने बताया- इमरजेंसी मेडिकल टेक्नीशियन (ईएमटी) रवि कुमार, पायलट नरेश कुमार और आशा कार्यकर्ता के सहयोग से एम्बुलेंस में ही प्रसव हुआ। एसीएमओ ने एम्बुलेंस कर्मियों के कार्य की सराहना की है।
एम्बुलेंस कर्मियों को दिया जाता है प्रशिक्षण
एम्बुलेंस के ईएमटी रवि कुमार दुबे ने बताया- गर्भवती को प्रसव के लिए एम्बुलेंस से ही ले जाना चाहिए। एम्बुलेंस कर्मचारी प्रसव कराने या अन्य इमरजेंसी के लिए प्रशिक्षित होते हैं। इसके साथ ही एम्बुलेंस में डिलीवरी किट भी उपलब्ध रहती है, जिससे आपातकाल की स्थिति में जच्चा और बच्चा दोनों की जान बच जाती है। उन्होंने बताया -ऐसा कई बार हो चुका है जब अस्पताल जाते समय गर्भवती को प्रसव पीड़ा शुरू हो गई और एम्बुलेंस में ही प्रसव कराना पड़ा। ऐसी स्थिति से निपटने के लिए समय-समय पर कर्मचारियों को प्रशिक्षण दिया जाता है और वह सीधे वरिष्ठ चिकित्सकों के संपर्क में रहते हैं, जरूरत पड़ने पर वह मार्गदर्शन भी लेते हैं।
24 घंटे उपलब्ध रहती है सेवा
जिला प्रोग्राम मैनेजर योगेंद्र कुमार ने बताया उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा संचालित एम्बुलेंस सेवाएं जच्चा बच्चा दोनों के लिए सुरक्षित है। 108 एम्बुलेंस सेवा प्रदेश सरकार की ओर से सभी लोगों के लिए नि:शुल्क है। यह किसी भी अस्पताल या सरकारी अस्पताल जाने के लिए 24 घंटे उपलब्ध रहती है। जरूरत पड़ने पर लोग किसी भी समय 108 नंबर पर काल कर सकते हैं।
गर्भवती के लिए 102 की सुविधा
मातृ शिशु मृत्यु दर रोकने के लिए सरकार द्वारा प्रदेश भर में 102 एम्बुलेंस सेवा चलाई जा रही है। एम्बुलेंस 102 सेवा गर्भवती महिलाओं और दो वर्ष तक के बच्चों को सरकारी अस्पताल ले जाती है। इसके साथ ही जब उनका इलाज पूरा हो जाता है तो उन्हें वापस घर भी छोड़ती है। यह सेवा भी पूरी तरह से निशुल्क उपलब्ध है। कोई भी आमजन कभी भी सरकार की ओर से संचालित इस सुविधा का लाभ ले सकता है। कई बार लोग जानकारी के अभाव में गर्भवती को अस्पताल ले जाने के लिए 108 पर डायल कर देते हैं, परिस्थिति को देखते हुए 108 एम्बुलेंस से भी गर्भवती को अस्पताल पहुंचा दिया जाता है।