जायसी मानवीय प्रेम के कवि हैं: कृष्ण कुमार
रायबरेली : रायबरेली 15 अक्टूबर। बतरस रायबरेली की ओर से जायस गांव की ओर की यात्रा शुरू हुई है। बतरस पिछले कई वर्षों से रायबरेली के मधुकरपुर में तीन दिवसीय साहित्यिक आयोजन करता है। आज इस आयोजन का पहला दिन है। कोलकाता और पश्चिम बंगाल से इस आयोजन में शिरकत कर रहे हैं मृत्युंजय श्रीवास्तव, राज्यवर्धन, मंजु श्रीवास्तव, अल्पना नायक, सत्य प्रकाश तिवारी, पूजा पाठक और गुलनाज बेगम। रायबरेली से इस यात्रा में शामिल हैं डॉ शैलेश प्रताप सिंह, अनुराग शुक्ल, वाई पी सिंह, अशोक कुमार और आशीष तिवारी। नयी पीढ़ी के हैं इलाहाबाद विश्वविद्यालय से दीप अमन और वैवस्वत त्रिपाठी, दिल्ली विश्वविद्यालय से महिमा गुप्ता।
जायस में जायसी शोध संस्थान के प्रांगण में एक सभा का आयोजन किया गया। इस अवसर पर जायस नगरपालिका की चेयरपर्सन मनीषा सिंह और इस अंचल के सांसद दीपक सिंह विशेष रूप से उपस्थित थे। बतरस की ओर से डॉ. कृष्ण कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि बतरस इस अंचल में साहित्य और कला की चेतना ज्योति जगाने वाली संस्था है। यह यात्रा उसी दिशा में एक कदम है। इस अवसर पर मनीषा सिंह ने जायसी के महत्व पर प्रकाश डाला। शैलेश प्रताप सिंह ने कहा कि साहित्य संवाद की संस्कृति विकसित करने का माध्यम है। बतरस संवाद का मंच है। महिमा सिंह ने कहा कि जायसी मानवीय प्रेम के कवि है। आज मानवीयता के शक्षरण काल में जायसी प्रासंगिक हैं। विजय शंकर मिश्र भास्कर ने कहा कि जायसी केवल प्रेम के कवि नहीं हैं, उन्होंने भारतीयता का बोध भी पैदा किया था। सत्यप्रकाश तिवारी ने कहा कि जायसी ने कभी भी भेद और वैर की बात नहीं की। सुशील कुमार पाण्डेय ने कहा जायसी अध्यात्म और दर्शन के साथ साथ ग्राम और लोक के कवि हैं। मृत्युंजय श्रीवास्तव ने हिंदी लेखन के परिदृश्य पर प्रकाश डाला।अंतिम सत्र काव्य पाठ का रहा। सभा का समापन करते हुए राजकुमार ने धन्यवाद दिया।