जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी नारेन्द्रानन्द सरस्वती ने सुनाई राजा परीक्षित की कथा
श्रद्धालुओं ने पुष्प वर्षा कर किया शंकराचार्य का स्वागत
शिवजी की पूजा करने वाला मृत्यु पर प्राप्त कर लेता है विजय : शंकराचार्य
शिवगढ़,रायबरेली। क्षेत्र के ग्राम पंचायत नेरथुवा में चल रही सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा ज्ञानयज्ञ में पांचवें दिन पहुंचे श्री काशी सुमेरु पीठाधीश्वर अनन्त जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी नारेन्द्रानन्द सरस्वती जी महराज पर भक्तों ने बड़े ही श्रद्धाभाव से पुष्प वर्षा कर भव्य स्वागत किया। जगद्गुरु शंकराचार्य जी महाराज से आशीर्वाद लेने के लिए श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा। जगद्गुरु शंकराचार्य जी महाराज ने अपनी अमृतमयी वाणी से पंच देवताओं की महिमा का बखान करते हुए कहा कि जगत में पंच देवता है उन पांच देवताओं की पंच प्रवृत्ति है। उन्होंने कहा कि सनातन धर्म का जो भी कार्य प्रारम्भ होता है इन्हीं पांच देवताओं को आधार मानकर किया जाता है जिनमें प्रत्यक्ष देवता भगवान सूर्य हैं, यदि जीवन काल में निरोगी रहना चाहते हो सफलता अर्जित करना चाहते हो तो प्रातः काल स्नान कर एक लोटा जल, लाल पुष्प, कुमकुम, अक्षत से भगवान भास्कर को जलाभिषेक करें। दूसरे देवता भगवान गणपति हैं जो अनादि हैं, जिनके आने का कोई काल निर्धारित नहीं है, यदि किसी कार्य का शुभारम्भ करते हैं तो अग्र देवता या प्रधान देवता के रूप में भगवान गणेश की पूजा करते हैं। उसके बाद तीसरे देवता के रुप में भगवान रुद्र अर्थात शिव जिनका काल भी बाल बांका नहीं कर सकता उनकी उपासना करते हैं, शिवजी की पूजा अराधना करने वाला मृत्यु पर विजय प्राप्त कर लेता है। चौथे देवता के रूप में सर्प पर शयन करने वाले जगत के पालनहार भगवान विष्णु की पूजा करते हैं। वहीं पांचवें देवता के रूप में सौंदर्य से परिपूर्ण राज राजेश्वरी आदिशक्ति की पूजा करते हैं। उन्होंने कहाकि जिसके शरीर में जिस तत्व की प्रधानता है उस तत्व के देवता की उपासना,आराधना करते हो तो आपको लाभ होगा, यदि आपके शरीर की प्रकृति जलमयी है और आप अग्नि देवता की उपासना करते हैं तो निश्चित रूप से रिएक्शन होगा। जिसके पश्चात शंकराचार्य जी ने विस्तार पूर्वक राजा परीक्षित की कथा सुनाई। शंकराचार्य जी के मुखारविंद से प्रभु की महिमा का बखान सुनकर श्रोता भक्तिरस में सराबोर गये। इस मौके पर कथा व्यास पंण्डित ऋषि मिश्रा, आयोजक एवं जजमान मदन मुरारी मिश्रा, मंजू मिश्रा,पवन शुक्ला, संतोष मिश्रा, गोपाल मिश्रा, भोला मिश्रा, चंद्रप्रकाश मिश्रा, शरद मिश्रा, मयंक मिश्रा, अर्पित मिश्रा, अनुज मिश्रा, जय करन, परमानंद, विनोद मिश्रा, राजेंद्र मिश्रा, हरिशंकर मिश्रा, नवीन मिश्रा, ज्ञानेन्द्र मिश्रा, उमेश सिंह, बलवीर सिंह, प्रेमकुमार शुक्ला, लाला सिंह,संतोष मिश्रा सहित भारी सख्या में श्रद्धालु मौजूद रहे।
दबाव और प्रभाव में खब़र न दबेगी,न रुकेगी