कांग्रेस के मुश्किल दौर में सभी साथियों ने किया किनारा, सबने छोड़ा साथ

ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी को नोटिस जारी किया है. इस समय कांग्रेस की बुरी स्थिति नजर आ रही है. कांग्रेस पार्टी ने भले ही नेशनल हेराल्ड मामले को लेकर जारी समन पर सवाल उठाए हैं, लेकिन कोई भी अन्य राजनितिक दल ऐसे में कांग्रेस से सुर मिलाने को तैयार नहीं है. शिवसेना ही एक ऐसी पार्टी रही जो कुछ हद तक कांग्रेस के लिए मुश्किल दौर में साथ दिखी. हालांकि वह भी कई मौके पर पीछे हट गई. यहां तक कि कांग्रेस के कई साथी भी पार्टी से किनारा कर लिए हैं.

 

झारखंड में कांग्रेस को सहारा नहीं

 

कांग्रेस पार्टी का हाल यह कि कोई भी मुद्दा हो कोई भी दल पार्टी का साथ देने को राजी नहीं है. कांग्रेस पार्टी देश की ऐसी राजनीतिक पार्टी रही, जिसका देश की सत्ता पर लंबे समय तक राज रहा है. कांग्रेस के सहारे कई पार्टियों को राजनीति में जगह बनाने में कामयाबी हासिल की थी. मौजूदा हालात को देखें को कांग्रेस पार्टी से उसके सहयोगी दल भी सलाम लेने को तैयार नहीं हो रहे हैं. यहां तक झारखंड में झामुमो ने बिना कांग्रेस से राय लिए ही राज्यसभा उम्मीदवार की घोषणा कर दिया है.

 

असम में भी दोस्त ने छोड़ा साथ

 

देश के कई राज्यों में कांग्रेस के सहयोगी दलों ने पार्टी का साथ देने छोड़ दिया है. असम में AIUDF के विधायकों ने कांग्रेस के साथ ऐसा किया कि उसके गले की फांस बन गया. विधायकों के क्रास वोटिंग के चलते राज्यसभा चुनाव कांग्रेस के उम्मीदवार हार नसीब हुआ है.

 

तमिलनाडु में डीएमके ने दिया झटका

 

तमिलनाडु में भी कांग्रेस की स्थिति सही नहीं है. राज्य में शासन करने वाला पार्टी डीएमके ने विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की हिस्सेदारी कम दी है. हालांकि 2016 में कांग्रेस की विधानसभा चुनाव में 41 सीटों पर हिस्सेदारी रही है. हरियाणा, राजस्थान में राज्यसभा चुनाव के लिए जिस तरह से लड़ाई है. वैसे में कांग्रेस उम्मीदवारों के लिए जीतना आसान नहीं है.

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