किसानों को खूब रास आ रही केले की खेती ! केले की खेती से हो रहा आर्थिक स्थिति में सुधार
- पहाड़पुर में कृषक बड़े पैमाने पर कर रहे केले की खेती
- कम लागत, कम मेहनत, कम श्रमिकों में किसान कमा रहे अच्छा लाभ
शिवगढ़,रायबरेली। किसानों को केले की खेती खूब रास आ रही है। कम लागत, कम मेहनत में किसान अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं। रायबरेली जिले के विकास क्षेत्र शिवगढ़ के पहाड़पुर मजरे कुम्हरावां गांव के रहने वाले प्रगतिशील कृषक शैलेंद्र अवस्थी, अरुण बाजपेई, सुखेंद्र अवस्थी, चितई खेड़ा मजरे दहिगवां के रहने वाले प्रगतिशील कृषक गुरुचरण लोधी बताते हैं कि पिछले कई वर्षों से वे बड़े पैमाने पर केले की खेती कर रहे हैं। केले की खेती का सबसे अच्छा लाभ यह है कि इसमें कम लागत, कम मेहनत, कम श्रमिकों के अच्छा उत्पादन मिल जाता है,फसल बेचने के लिए परेशान नहीं होना पड़ता है। फसल तैयार होने पर खेत में ही व्यापारी आ जाते हैं और अपने श्रमिकों से केले की घमरों को कटवाकर गाड़ियों में लोड करा लेते हैं। खेत में ही फसल का नगद भुगतान मिल जाता है। इसमें किसान बिचौलियों का शिकार होने से बच जाते हैं, राजधानी लखनऊ के मंडी मूल्य के हिसाब से खेत में ही किसान की फसल बिक जाती है।
यही कारण है कि आज वे आनाज और दलहन, तिलहन की खेती सिर्फ आवश्यकता अनुसार करते हैं। शैलेंद्र अवस्थी ने बताया कि पिछले 5 वर्षों से वे केले की खेती कर रहे हैं इस बार उन्होंने केले की जी-9 किस्म लगा रखी है। नवरात्रि से पहले 12-13 रुपए किलो तक केले की बिक्री हुई। नवरात्रि के बाद ठण्डक शुरू होने से केले की कीमत गिरी है फिर भी आनाज से कई गुना ज्यादा लाभ मिल रहा है, उन्होंने बताया कि केले की खेती से आर्थिक स्थिति में काफी सुधार हुआ है। सुखेंद्र अवस्थी बताते हैं कि केले की खेती से उनका परिवार आर्थिक मजबूती की ओर बढ़ रहा है, आगे चलकर इससे बड़े पैमाने पर केले की खेती करेंगे।
वहीं अरुण बाजपेई बताते हैं कि पिछले 15 वर्षों से वे केले की खेती कर रहे हैं करीब 1 बीघे में केले की फसल लगा रखी है,1 बीघे से साल में 2 से ढाई लाख तक आमदनी हो जाती है। वहीं चितई खेड़ा गांव के रहने वाले प्रगतिशील कृषक गुरुचरन बताते हैं बाराबंकी जिले में केले की खेती देखकर आज से 5 वर्ष पूर्व केले की खेती की शुरुआत की थी शुरुआत में एक बीघा केला लगाया था वर्तमान समय में करीब 4 बीघे केले की फसल लगा रखी है, इसके साथ ही वे सब्जियों की खेती करते हैं। जब से केले की खेती की शुरुआत की है तबसे अनाज की फसल कम कर दी है, केले की फसल से आज उनका परिवार सुखी और सम्पन्न हो गया है।
दबाव और प्रभाव में खब़र न दबेगी,न रुकेगी