पुलिस सुन लेती तो ना जाती कन्हैया की जान

राजस्थान के उदयपुर में जघन्य तरीके से मारे गए कन्हैया लाल के परिवारजनों का कहना है कि अगर पुलिस सुन लेती तो उनकी जान बच सकती थी।

दो मुस्लिम कट्टरपंथियों ने मंगलवार को टेलर कन्हैया लाल की हत्या कर दी थी। उनका सिर काटकर हत्या की गई और इस दौरान वीडियो भी बनाया गया था। कन्हैया के परिवार के सदस्यों का कहना है कि अगर पुलिस ने पहले ही शिकायत सुन ली होती तो उनकी जान बच सकती थी। हालांकि अब पुलिस जांच शुरू हो गई है। वहीं, नेशनल इनवेस्टिगेशन एजेंसी (एनआईए) को भी जांच सौंप दी गई है।

गौरतलब है कि टेलर कन्हैया लाल ने भाजपा से निष्कासित नेता नुपूर शर्मा के समर्थन में सोशल मीडिया पर एक पोस्ट डाली थी। इसके बाद पोस्ट को लेकर मृतक को लगातार धमकियां दी जा रही थीं। डर से कन्हैया ने कई दिन दुकान भी नहीं खोली थी। इसके बाद जब कन्हैया लाल धानमंडी बाज़ार में दुकान पर मौजूद था, तब ग्राहक बनकर आये हमलावर ने उनका सिर काट दिया था। दूसरा हमलावर अपने मोबाइल फोन से हत्या का वीडियो शूट करता रहा। हत्याकांड का वीडियो

 

सोशल मीडिया पर पोस्ट करने के बाद दोनों हमलावर फरार हो गए थे। बाद में उन्होंने इस बर्बर हत्याकांड का वीडियो सोशल मीडिया पर पोस्ट किया। आरोपियों की पहचान गौस मोहम्मद और मोहम्मद रियाज़ अंसारी के तौर पर हुई थी जिनको अब गिरफ्तार किया जा चुका है। अब इस मामले में राजस्थान में गुस्से का माहौल है। घटना के बाद पुलिस पर लापरवाही का आरोप लगा। परिवार ने की न्याय की मांग करते हुए गुस्सा जताया है। वारदात के विरोध में कन्हैया लाल के घर के बाहर प्रदर्शन किया गया। परिवार दोनों आरोपियों को फांसी की सजा की मांग कर रहा है।

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