संसार मे बेटी को कितनी कितनी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है
राइटर–साक्षी सिंह झामपुर, सरेनी!
रिपोर्ट -राहुल रावत
कहानी
एक लड़की थी, जो एक छोटे से गांव मे रहती थी ।जिसका नाम शिवानी था । शिवानी ने अपनी स्कूल की पढ़ाई पूरी की जिसमे उसकी मां का बहुत support था, उसकी मां ने उसकी पढ़ाई के लिए उसका दाखिला अच्छे स्कूल मे करवाया, उसकी मां ने कक्षा 5 तक उसे स्वय ट्वीसन पढाया, कक्षा 6 से उन्होने उसके लिए अच्छा अध्यापक खोज कर ट्वीसन लगवाया।जब शिवानी ने कक्षा 9 मे दाखिला लेने का सोचा तो लोगो ने उसकी मां से कहा- लड़की है इसे ज्यादा छूट मत दो अगर पढ़ाना ही है तो इसका दाखिला कला वर्ग मे करवा दो बाद मे घर ही संभालना है ज्यादा पढ कर क्या करेगी ।परन्तु शिवानी को गणित और विज्ञान मे रूचि थी, इस कारण उसकी मां ने उसका दाखिला उसके रूचि के अनुसार करवा दिया ।अब शिवानी बहुत खुश थी और वह सुबह जल्दी उठकर ट्वीसन जाती, वही से स्कूल जाने लगी ।
उसकी मां उसके लिए सुबह जल्दी उठकर नाश्ता बनाती और खिलाती फिर बाद मे उसके लिए दोपहर के लिए भोजन बना कर किसी न किसी से उसके स्कूल भेज देती थी ।शिवानी अपने परिवार की पहली लड़की थी जिसे पढाई के लिए बाहर जाने की इतनी छूट मिली थी ।
बस यही बात परिवार और आस पडोस के लोगो को हजम न हो रही थी, लोगो ने उसकी मां को उसके खिलाफ भडकाना सुरू किया ।
पर उसकी मां ने किसी की भी एक न सुनी और उसे पढ़ाती रही ।
शिवानी अच्छे अंको से सफल हुई, तो लोगो ने कहा कि हमे पहले ही पता था, ये लड़की बहुत अच्छी है पढ़ाई मे ।धीरे-धीरे शिवानी कक्षा 12 मे पहुंच गई, उसकी सहेलियो मे आपस मे बाते हो रही थी – कोई कह रहा था बारहवीं पास करने के बाद डाक्टरी पढेंगे तो कोई वकालत पढने की बात कर रहा था।शिवानी चुप चाप बैठकर सबकी बाते सुन रही थी, और मन ही मन सोच रही थी कि उसकी मां के पास इतने पैसे कहा से आयेगे जिससे वो भी बाहर रहकर पढाई कर सके।शिवानी यही सब सोच कर दुखी हो गई और घर आकर चुपचाप एक कोने मे बैठे गई, उसकी मां ने उसकी उदासी का कारण पूछा तो शिवानी ने सारी बात अपनी मां को बताई । मां ने उसको समझाते हुए कहा कि तुम भी शहर पढ़ने जाओगी तुम्हारी मां के होते हुए तुम चिंता मत करो ।शिवानी ने अपनी मां को गले से लगा लिया ।शिवानी बारहवी मे अच्छे अंको से सफल हुई।उसकी मां ने उसका दाखिला कालेज मे करवा दिया ।शिवानी ने कालेज की पढ़ाई पूरी की ।शिवानी का भाई शहर मे पढ़ाई कर रहा था, और उसकी नौकरी अच्छी कम्पनी मे लग गई ।शिवानी की मां ने उसे भी भाई के पास शहर पढ़ाई करने के लिए भेज दिया ।परिवार और आसपास के लोगो को यह बात हजम न हो रही थी,
अब लोगो ने उसकी मां पर ताने कसना शुरू किया – कि लड़की जवान हो गई है उसकी शादी कर दो नही तो ऊंच नीच न हो जाए ।
शिवानी बहुत समझदार और शान्त स्वाभाव की लडकी थी, उसके अच्छे स्वाभाव के कारण गांव के लोग उसकी बहुत तारीफ़े करते थे ।
यह सब सुनकर परिवार वालो को और जलन शुरू हुई ।अब तो परिवार के लोगो ने हद ही कर दिया, उसके लिए ऐसा रिश्ता लाने लगे कि कभी लडके के पास दिमाग कम है, कभी लडका पढा लिखा नही तो कभी न तो लडका अच्छा और न उसका परिवार ।
शिवानी की मां ने साफ कह दिया कि मै अपनी बेटी की शादी अच्छे परिवार मे करूंगी ।पर शिवानी कुछ बनना चाहती थी वह शादी नही करना चाहती थी ।
कुछ दिनो बाद शिवानी के लिए एक रिश्ता आया, उसकी मां को लडका ठीक लगा ।पर शिवानी का मन ना था अभी शादी करने का, शिवानी बहुत सुन्दर थी तो लड़के वालो का न बोलने का कोई मौका न था।शिवानी ने सोचा अगर वो अपने बाल कटा देगी बहुत छोटे तो लड़के वाले उसे पसंद नही करेंगे एक दिन जब शिवानी की मां दोपहर मे सो रही थी तो उसने कैची ली और अपनी छोटी बहन को लेकर घर के पीछे गई और बोली मेरे बाल काट दो, उसकी बहन ने थोडे बाल काटे और पूछा ठीक है, तो शिवानी बोली नही अभी और काटो अभी इतने मे पसंद कर लेगे ।फिर उसकी बहन ने लडको की तरह बहुत छोटे-छोटे बाल काट दिए।
उसकी मा ने देखा तो बहुत डाट फटकार लगाई अपनी दोनो बेटियो को, और महसूस किया कि शिवानी को आगे बढने का मौका देना चाहिए।