हैदरगढ़ ग्राम्यांचल पीजी कॉलेज द्वारा कॉलेज में मेधावी छात्र-छात्रा को निशुल्क पाठ्यक्रम को पूर्ण करने की जिम्मेदारी का एक अभिनव प्रयास शुरू

मुन्ना सिंह/बाराबंकी : हैदरगढ़ ग्राम्यांचल पीजी कॉलेज द्वारा कॉलेज में संचालित सभी संकाय में एक-एक मेधावी छात्र-छात्रा को निशुल्क पाठ्यक्रम को पूर्ण करने की जिम्मेदारी का एक अभिनव प्रयास शुरू किया जा रहा है, जिसका संपूर्ण खर्चा कॉलेज प्रशासन बहन करेगा। कॉलेज के निदेशक पंडित सिद्धार्थ अवस्थी ने आज एक प्रेस वार्ता में विस्तार से चर्चा करते हुए बताया की मेरे पिता ग्राम्यांचल शिक्षा संकुल के संस्थापक पंडित सुरेंद्रनाथ अवस्थी व मेरी माता स्वर्गीय  प्रेमा अवस्थी का यह मानना था कि मेधावी गरीब छात्र-छात्राएं धनाभाव के चलते शिक्षा से वंचित न रह जाए।

पंडित सिद्धार्थ अवस्थी ने कहा कि माता-पिता के इसी भाव को आगे बढ़ाते हुए इस वर्ष पहली मई से प्रेमा अवस्थी विद्या सशक्तिकरण छात्रवृत्ति योजना 2024 को लागू किया जा रहा है। इस योजना में प्रतिभाग करके सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले छात्र-छात्राओं की पाठ्यक्रम शिक्षक निशुल्क होगा। इस परीक्षा में गैर जनपद के भी मेधावी छात्र हिस्सा ले सकते हैं। इस योजना में प्रतिभाग करने के लिए 1 मई से 15 मई तक कॉलेज के कार्यालय में फार्म उपलब्ध होंगे। सत्र 2023 24 में इंटरमीडिएट उत्तीर्ण होने वाले समस्त छात्र-छात्राएं इस परीक्षा में भाग ले सकते हैं। महाविद्यालय की चेयरपर्सन डॉ सुप्रिया पाठक ने बताया कि इस परीक्षा में सर्वोत्तम प्रदर्शन करने वाले छात्र व छात्रा आगामी वर्ष 2024 25 से प्रतिवर्ष बीए, बीएससी, बीकॉम, बीएससी कृषि, बीएड,बीपीएड कक्षाओं में एक विद्यार्थी को निशुल्क पाठ्यक्रम के शिक्षक की सुविधा प्रदान की जाएगी। गत वर्ष इस योजना से जुड़े एक छात्र आशू मौर्य को आज उसके अभिभावक संग पंडित सिद्धार्थ अवस्थी ने सम्मानित भी किया। विद्यालय प्रशासन द्वारा चलाई जा रही इस अनूठी योजना गरीब छात्रों के लिए बहुत बड़ी पहल है। इस योजना के लागू होने से गरीब मेधावी छात्रों का भविष्य संवारने का काम विद्यालय प्रशासन का सराहनीय कार्य है। इस मौके पर प्राचार्य लालमणि शुक्ला, उपप्राचार्य डॉ राजेंद्र यादव, कोऑर्डिनेटर इंजीनियर परिणय श्रीवास्तव, इंटर कॉलेज के प्राचार्य प्रेम कुमार गुप्ता प्राध्यापक डॉक्टर सुधीर मिश्रा विष्णु कांत मनीष मिश्रा तरुण यादव आदि सहित कॉलेज के विभिन्न संकायों के प्राध्यापक गण उपस्थित थे।

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