जी.एस.टी. की बढ़ी दरें वापस ली जायें – बसन्त सिंह बग्गा

  • जी.एस.टी. की बढ़ी दरों से सभी वर्ग प्रभावित – मुकेश रस्तोगी

रायबरेली, 22 जुलाई, 2022: बढ़ी हुई जी0एस0टी0 की दरों को वापस लिये जाने के उद्देश्य से व्यापारियों का एक प्रतिनिधि मण्डल जिलाध्यक्ष बसन्त सिंह बग्गा के नेतृत्व में जमकर नारेबाजी एवं प्रदर्शन करते हुए केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को सम्बोधित मांग-पत्र जिलाधिकारी माला श्रीवास्तव को सौंपा। जिलाधिकारी ने माँग-पत्र को सम्बन्धित तक पहुँचाने का आश्वासन दिया। व्यापारियों ने मांग-पत्र के माध्यम से कहा कि व्यापारियों को दुर्घटना बीमा एवं पेंशन का उपहार देकर सराहनीय कार्य किया था। व्यापारियों को देश में प्रथम बार ये सुविधाएँ दी गयी थीं, जिसकी सराहना भारतवर्ष के सात करोड़ व्यापारियों ने की थी। अब सरकार द्वारा की गयी जीएसटी वृद्धि का उत्तर प्रदेश का ढाई करोड़ व्यापारी कड़ा विरोध करता है। 25किग्रा. वजन के सिंगल पैकिंग और लेविल वाले अनब्रांडेड वस्तुओं पर 18 जुलाई से 5 प्रतिशत जीएसटी आपने लागू किया है, इससे दाल, चावल, आटा, दूध, दही, छाछ समेत खाद्य वस्तुओं की कीमतों में 2 से 5 रूपये प्रति किलो बढ़ोत्तरी हो गयी है।

इस अवसर पर जिलाध्यक्ष बसन्त सिंह बग्गा ने कहा कि एक, पाँच, दस और पच्चीस किलो के ब्रांडेड उत्पादनों पर जीएसटी लागू की गयी है जो उचित नहीं है। अगर पांच-पांच किलो के पैकेट मिलाकर वजन 25 किलो से ज्यादा है तो 5 फीसदी की दर से जीएसटी देनी पड़ेगी। छूट तभी मिलेगी, जब सिंगल पैकेट 25 किलो से अधिक होगा। डेरी कम्पनियों के पैक्ड फूड आइटम दूध, दही, छाछ आदि पर भी जीएसटी की दरें बढ़ाई गई हैं जो नितान्त अनुचित है। ब्लैड, पेपर, कैंची पेंसिल, शार्पनर, चम्मच, कांटे वाली चम्मच आदि कई वस्तुओं पर भी जीएसटी बढ़ा दिया गया है, पहले जीएसटी 12 प्रतिशत था अब इसे 18 प्रतिश कर दिया गया है, इससे बच्चों के पढ़ाई पर प्रतिकूल असर पड़ेगा। सोलर वाटर हीटर पर पहले जीएसटी 5 प्रतिशत थी, अब 12 प्रतिशत कर दी गयी है। होटल में 1 हजार रूपये तक कमरे अभी तक जीएसटी के दायरे से बाहर थे अब इन पर 12 प्रतिशत जीएसटी देना होगा। इसका प्रभाव गरीब लोगों के जेब पर पड़ेगा क्योंकि एक हजार रूपये से कम किराये के कमरे कम आय वाले लोग ही लेते हैं। बग्गा ने कहा कि एलईडी लाईट पर 18 प्रतिशत जीएसटी लागू किया गया है, यह करके सरकार द्वारा घरों की रोशनी छीनने का काम किया गया है।

प्रान्तीय संगठन मंत्री मुकेश रस्तोगी ने कहा कि आजादी के बाद से लेकर आज तक 75 वर्षो में खाद्य पदार्थो पर पहली बार जीएसटी लागू की गयी है। पैकिंग मंे बिकने वाला आट, दूध, दही, चावल सभी कुछ मंहगा हो गया है। जीएसटी की बढ़ायी गयी दरों से आम आदमी किसान हो या मजदूर, व्यापारी हो गया वकील, छात्र हो या अध्यापक, विधायक हो या सांसद, महिला या पुरूष सभी पर इसका खराब असर पड़ेगा, इसका सीधा भार भारत के 90 प्रतिशत जनता पर पड़ेगा।
नगर अध्यक्ष मनोज गुप्ता ने कहा कि सरकार ने जीएसटी की दरें बढ़ाकर बच्चों के मुँह से दूध, दही, छीनने का काम किया है। इस जीएसटी वृद्धि की जितनी भी निंदा की जाये कम है। इससे देश की गरीब जनता लहूलुहान और परेशान होगी। हम इस वृद्धि की कड़े शब्दों में निंदा करते हैं। अभी तक केवल ब्रांडेड सामानों पर ही जीएसटी लगती थी, परन्तु अब सब पर लागू कर दिया गया है।

नगर महामन्त्री अतुल श्रीवास्तव ने कहा कि पढ़ने वाले बच्चों के पेपर, शार्पनर, पेंसिल आदि पर जीएसटी लगाने से इसका बोझ छात्रों पर पड़ेगा और गरीब घरों के बच्चों में पढ़ने के प्रति रूचि कम होगी। सरकार का ऐसा करना किसी भी हालत में उचित नहीं कहा जा सकता। व्यापारियों ने मांग-पत्र के माध्यम से मांग किया है कि जीएसटी वृद्धि पर पुर्नविचार कर इसे तत्काल वापस लिया जाये।ज्ञापन देने वालों में मुख्य रूप से सत्यांशु दुबे, अनुज त्रिवेदी, बाबू भाई, आशु श्रीवास्तव, शिव प्रकाश बाजपेयी, शाकिब कुरैशी, जितेन्द्र मौर्या, दिलीप हसानी, राघवेन्द्र प्रताप सिंह, अश्वनी श्रीवास्तव, पवन अग्रहरि, प्रदीप पटेल आदि व्यापारी उपस्थित रहे।

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