“कुछ अच्छा करना,अच्छा लिखना व पत्र – पत्रिकाओं के साथ- साथ सभी के हृदय में छपना बहुत बड़ी बात है।” – संगमलाल जायसवाल
रायबरेली : देश की सुप्रसिद्ध कथाकार ,समीक्षक आरती जायसवाल के चाचाजी समाजसेवी, प्रकृति प्रेमी, विनम्र व्यक्तित्व के धनी पूजनीय संगमलाल जायसवाल का २० सितम्बर,२०२२ प्रातःकाल लगभग ५ बजे लखनऊ के एक चिकित्सालय में मात्र ५२ वर्ष की आयु में हृदय – उपचार के दौरान आकस्मिक स्वर्गवास हो गया।
सामाजिक कार्यों में अग्रणी व प्रकृति संरक्षण पर बल देने वाले
एन०टी०पी०सी० के वरिष्ठ एवम् प्रभुत्वशाली ठेकेदार के रूप में अपनी पहचान बनाने वाले संगमलाल जायसवाल अपने पीछे भरा-पूरा परिवार छोड़ गए हैं उनके इस प्रकार निधन से उनके परिजन व मित्रगण को आकस्मिक आघात पहुंचा है।
आरती जायसवाल ने बताया कि वे सदैव पुण्य कार्यों हेतु तत्पर रहते थे ,अपनी आय का एक हिस्सा सदैव दूसरों की भलाई के लिए खर्च करते थे ।
दानी,परोपकारी,बलशाली ,विनम्र व्यक्तित्व के स्वामी संगमलाल जी बचपन से ही आरती को लेखन और पौधा रोपण की प्रेरणा देते रहते वे उनके लिए विभिन्न प्रकार के पौधे लाया करते थे वे कहते थे कि “कुछ अच्छा करना,अच्छा लिखना व पत्र – पत्रिकाओं के साथ- साथ सभी के हृदय में छपना बहुत बड़ी बात है।” तभी से आरती ने ठान लिया था कि वे सदैव प्रेरक कार्य करेंगी।उन्हें सहसा विश्वास नहीं होता कि उनके चाचा जी अब इस दुनिया में नहीं रहे।