सरकार कर रही प्राकृतिक चिकित्सा की उपेक्षा : एसएल शास्त्री
एसएल शास्त्री प्राकृतिक चिकित्सा से ठीक कर चुके हैं हजारों मरीज
शिवगढ़,रायबरेली : क्षेत्र के मठ मजरे दहिगवां स्थित मठ में रहने वैद्य गुरु, आयुर्वेदाचार्य, योगाचार्य ऋग्वेदाचार्य एवं नाड़ी विशेषज्ञ वैद्य एसएल शास्त्री प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति से अब तक हजारों मरीजों की पुरानी से पुरानी मर्जो को दूर करके उन्हें निरोगी बना चुके हैं। यही नहीं एसएल शास्त्री मानव कल्याण के उद्देश्य से साल के बारहों मास देश के कोने कोने में नि:शुल्क स्वास्थ्य शिविरों का आयोजन करते रहते हैं। जिसमें दूर दूर से आने वाले सैकड़ों मरीज अपना नि:शुल्क स्वास्थ्य परीक्षण कराते हैं। इतना ही नहीं इस मठ से प्रतिवर्ष प्रशिक्षण प्राप्त करके दर्जनों युवा स्वावलंबी बनकर यूपी के कोने-कोने में नि:शुल्क शिविरों का आयोजन करके रोगियों को निरोगी बनाने का कार्य कर रहे हैं। दिनोंदिन मठ की बढ़ती लोकप्रियता का ही परिणाम है कि दिल्ली एम्स, मेडिकल कॉलेज लखनऊ, पीजीआई, सिविल हॉस्पिटल लखनऊ, बलरामपुर जैसे माने जाने अस्पतालों से निराश होकर वापस लौट मरीज मठ में आकर प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति से निरोगी बन चुके हैं। जीवन की आस छोड़ चुके दर्जनों निराश मरीजों को नया जीवन मिल चुका है। श्री शास्त्री ने अपने रामबाण इलाज से हजारों मरीजों को बिल्कुल स्वस्थ करके शिवगढ़ क्षेत्र ही नही समूचे रायबरेली जिले को गौरवान्वित कर दिया है। किन्तु विडंबना है कि एसएल शास्त्री द्वारा शासन से दर्जनों बार मांग किए जाने के बावजूद आज तक मठ को किसी प्रकार की सहायता नहीं मिल सकी। श्री शास्त्री का कहना है कि पहले विदेशी आक्रांताओं ने हमारे देश की चिकित्सा पद्धति को नष्ट करने की कोशिश की और अब शासन आयुर्वेद एवं प्राकृतिक चिकित्सा की उपेक्षा करके एलोपैथ को बढ़ावा दे रहा है। एलोपैथ पर पानी की तरह रुपए बहाया जा रहा है इसके बावजूद लोगों को ठीक तरह से स्वास्थ्य सुविधाएं नहीं मिल पा रही हैं। पिता से प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति की शिक्षा लेकर उनके बेटे वैद्य राजकुमार, वैद्य कृष्ण कुमार भी पिता के पदचिन्हों पर चलते हुए लोगों को निरोगी बना रहे हैं।
दबाव और प्रभाव में खब़र न दबेगी,न रुकेगी