गोस्वामी तुलसीदास जयंती समारोह को धूमधाम से मनाया गया
रिपोर्ट- दीपक पाण्डेय
औरैया : रामचरितमानस के रचयिता हिंदू धर्म के सनातन धर्म प्रति प्रतीक गोस्वामी तुलसीदास की जयंती दिव्यापुर के नारायणी मंडपम में भव्य तरीके से मनाई गई इस अवसर पर दिव्यापुर के प्रबुद्ध संभ्रांत मनीषी लोगों ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया कार्यक्रम माल्यार्पण के बाद शाल ओढ़ाकर स्वागत किया गया और बाद में पिलुअन मंदिर के महंत रामभजन दास ने तुलसी के सम्पूर्ण जीवन पर प्रकाश डाला और बताया कि किस प्रकार पत्नी के डांट खाने से तुलसीदास एक महान संत बन गए और हरे राम नाम है और राम नाम सत्य है राम बोलते ही इनकी माता की मौत हो गई रामचरितमानस में तुलसी जी ने बताया राम से बड़ा भक्त का महत्व राम से बड़ा नाम का महत्व राम से ज्यादा शब्द का महत्व है राम कार्य क्षमता है और राम का फ्री पत्ती है जो सिर दर्द में सहायक पीलिया डायरिया बीमारी खांसी जुखाम तो सिर दर्द में छाले मुंह में छाले संपूर्ण रोगों का नाश करती है वह है तुलसी पत्ती इसी प्रकार समाज रूपी सभी बुराइयों को दूर करते हैं.
वह है तुलसीदास तुलसीदास एक ब्रह्म का दूसरा रूप है बाद में जिला अधिकारी प्रकाश चंद श्रीवास्तव ने तुलसीदास जी के जीवन शैली पर प्रकाश डालते हुए कहा की प्रकृति ने हमें ब्रह्म के रूप में पेड़ पौधे अग्नि वायु स्वास सब कुछ दिया है लेकिन श्रावण मास का जो महत्व है वह किसी मास का महत्व नहीं है श्रावण मास में बरसात से ताल तलैया नदी पोखर समुद्र पौधों में नया संचार कृषि में नया काम सब कुछ सावन माह से ही प्रारंभ होता है इसीलिए से चातुर्मास भी कहते हैं रामचरितमानस में भी चातुर्मास का वर्णन है किष्किंधा कांड में जब वर्षा होने लगी थी तो भगवान राम को विश्राम करने का अवसर दिया गया था बाद में सीता जी की खोज के लिए नल नील बानर और सभी खोजने के लिए निकल पड़े चौहदवी शताब्दी में महिलाओं को राम कथा सुनने को कम मिलती थी हमारे जीवन में मां और पत्नी दोनों का घनिष्ठ प्रकार संबंध है तुलसीदास मां से प्रेम करते लेकिन पैदा होते ही मां मर गई पत्नी से बहुत प्रेम किया तो पत्नी ने डांट कर भगा दिया और पत्नी की दुत्कार सुनते आज तुलसीदास महान तुलसी बन गए पूर्व क्रिकेट मानव के लिए एक संजीवनी बूटी रामचरितमानस के रूप में दिए गए,इस कार्यक्रम में मौजूद मनोज दुबे पत्रकार कमलेश अवस्थी कमलेश दुबे राघव मिश्रा चंद्रकांति मिश्रा राजेश अग्निहोत्री आशीष दुबे कमलेश अवस्थी सुशील दुबे नीरज दुबे अनिल दीक्षित कमलाकांत तिवारी मनोज अग्निहोत्री आदि मौजूद रहे