परमात्मा ही परम सत्य है : कथा व्यास सरोज शास्त्री

  • श्रीमद्भागवत कथा के चौथे दिन सुनाई गई भगवान श्री कृष्ण के बालिकाओं की सुन्दर कथा

शिवगढ़,रायबरेली। क्षेत्र के लाही बॉर्डर गुमावा में चल रही सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा के चौथे दिन शनिवार को कथा व्यास सरोज शास्त्री जी महाराज ने भगवान कृष्ण के जन्म एवं लीलाओं की कथा सुनाकर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया।कथा व्यास सरोज शास्त्री ने कहा कि परमात्मा ही परम सत्य है। जब हमारी वृत्ति परमात्मा में लगेगी तो संसार गायब हो जाएगा। भगवान संसार से जुड़े भी हैं और अलग भी हैं। जिस प्रकार से आकाश में बादल रहता है। और बादल के अन्दर भी आकाश तत्व है। बादल के गायब होने पर भी आकाश गायब नहीं होता। इसी तरह संसार गायब होने पर भी परमात्मा गायब नहीं होते। संसार की कोई भी वस्तु भगवान से अलग नहीं है।

कथा व्यास ने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण ने गोपियों के घरों से माखन चोरी की। इस घटना के पीछे भी आध्यात्मिक रहस्य है। दूध का सार तत्व माखन है। उन्होंने गोपियों के घर से केवल माखन चुराया अर्थात सार तत्व को ग्रहण किया और असार को छोड़ दिया।

प्रभु हमें समझाना चाहते हैं कि सृष्टि का सार तत्व परमात्मा है। इसलिए असार यानी संसार के नश्वर भोग पदार्थों की प्राप्ति में अपने समय, साधन और सामर्थ को अपव्यय करने की जगह हमें अपने अन्दर स्थित परमात्मा को प्राप्त करने का लक्ष्य रखना चाहिए। इसी से जीवन का कल्याण सम्भव है।

कथा व्यास ने बताया कि वास्तविकता में श्रीकृष्ण केवल ग्वाल-बालों के सखा भर नहीं थे, बल्कि उन्हें दीक्षित करने वाले जगद्गुरु भी थे। श्रीकृष्ण ने उनकी आत्मा का जागरण किया और फिर आत्मिक स्तर पर स्थित रहकर सुन्दर जीवन जीने का अनूठा पाठ पढ़ाया।

कथा व्यास सरोज शास्त्री ने भगवान श्री कृष्ण की बाल लीलाओं का बड़ा ही सुन्दर वर्णन किया जिसे सुनकर श्रोता भक्ति रस में सराबोर हो गए। इस मौके पर पंडित लालमन शुक्ला, पार्वती शुक्ल, आनंद कुमार शुक्ला, लवलेश शुक्ला, सोनू पांडेय, शिवशंकर सिंह, सूर्य मान सिंह, विनोद यादव, रिंकू मौर्या, कन्हैया आदि मौजूद रहे।

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