कानपुर हिंसा में फंडिंग का आरोपी लखनऊ से गिरफ्तार, कई दिनों से था फरार

3 जून को जुमे की नमाज के दिन कानपुर में हुई हिंसा को लेकर पुलिस को मंगलवार को एक और बड़ी सफलता मिली है। तीन जून को कानपुर के परेड चौक इलाके में भड़की हिंसा के मामले में हाजी वसी को गिरफ्तार किया है। कानपुर पुलिस ने उन्हें लखनऊ से गिरफ्तार किया है। वह कई दिनों से फरार चल रहे थे। उन पर आरोप है कि वे कानपुर हिंसा के लिए फंडिंग की थी। पुलिस ने पांच जुलाई को उन्हें गिरफ्तार कर लिया।

29 लोग पहले गिरफ्तार

बता दें कि इससे पहले पुलिस ने हिंसा में शामिल कुल 29 लोगों को गिरफ्तार किया है। स्थानीय मुस्लिम नेता हयात जफर हाशमी की पहचान पुलिस ने हिंसा के मुख्य साजिशकर्ता के रूप में की थी। पुलिस के मुताबिक, मौलाना मोहम्मद जौहर अली फैन्स एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष हयात जफर हाशमी ने एक टीवी पर डिबेट के दौरान भाजपा प्रवक्ता नुपुर शर्मा द्वारा पैगंबर मोहम्मद के बारे में की गई टिप्पणी के विरोध में बाजार बंद का आह्वान किया था।

हिंसा में 39 से अधिक लोग

घायल हाशमी ने कथित तौर पर लोगों को उकसाया था, जिसके बाद पथराव और दो समूहों के बीच झड़प हो गई थी। इसमें कई पुलिसकर्मियों समेत 39 से अधिक लोग घायल हो गए थे। उसे हिरासत में लेकर पूछताछ के लिए ले जाया गया था। पथराव करने वालों के साथ साजिश करने वालों को भी गिरफ्तार किया गया था।

पीएफआई से जुड़े दस्तावेज भी मिले

पुलिस कमिश्नर विजय सिंह मीणा ने कहा था कि इस हिंसा में पीएफआई से जुड़े दस्तावेज मिले हैं। आरोपी हयात जफर हाशमी के ठिकानों से कई अहम दस्तावेज मिले। हयात को पुलिस आज रिमांड पर ली थी। पुलिस की सक्रियता से माहौल जल्द ही शांत हो गया।

एक्शन मूड में थे मुख्यमंत्री योगी

हिंसा के बाद से ही सीएम योगी एक्शन के मूड में आ गए थे। पुलिस आरोपियों की धरपकड़ कर रही थी तो वहीं सरकार ने 21 IAS अफसरों के तबादले कर दिए थे। कानपुर की डीएम नेहा शर्मा को हटा दिया गया था। योगी सरकार ने 9 डीएम का भी तबादला किया था।

 

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