दवा के सेवन से ही फाइलेरिया से बचा जा सकता है : डी.एस. अस्थाना
- फाइलेरिया उन्मूलन को लेकर दिया गया।
रायबरेली। सरकार द्वारा चलाए जा रहे सामूहिक दवा सेवन (एमडीए) कार्यक्रम के तहत फाइलेरिया की दवा का सेवन अवश्य करें। लोगों को यह भी बताएं कि इस बीमारी का कोई इलाज नहीं है, दवा के सेवन से ही इससे बचा जा सकता है। यह बातें जिला मलेरिया अधिकारी डी.एस.अस्थाना ने कहीं। उन्होंने यह बातें फाइलेरिया उन्मूलन को लेकर स्वास्थ्य विभाग के तत्वावधान में मुख्य चिकित्सा अधिकारी वीरेंद्र सिंह के निर्देशन में फाइलेरिया ग्रसित रोगियों के प्रशिक्षण कार्यक्रम में कहीं।
यह प्रशिक्षण कार्यक्रम शुक्रवार को हरचंदपुर ब्लॉक के नया पुरवा और टांडा गाँव के आंगनवाड़ी केन्द्र में आयोजित किया गया था। जिला मलेरिया अधिकारी(डीएमओ) ने फाइलेरिया के रुग्णता प्रबंधन एवं दिव्यांगता (एमएमडीपी) को रोकने के बारे में फाइलेरिया रोगियों को बतायाकि फाइलेरिया पीड़ित व्यक्ति को अपने प्रभावित अंगों की साफ सफाई पर विशेष ध्यान रखना चाहिए।
दिन में कम से कम दो बार साफ पानी से धोकर उन्हे साफ तौलिए से पोंछना चाहिए। उस पर एंटीसेप्टिक क्रीम लगानी चाहिए। उन्हें स्वास्थ्य कार्यकर्ता द्वारा बताए गए व्यायाम करने चाहिए। फाइलेरिया व्यक्ति को कोई भी चीज खाने की मनाही नहीं होती है वह सब कुछ खा सकता है।
जिला मलेरिया अधिकारी ने बताया – फाइलेरिया ग्रसित मरीजों को बहुत अधिक समय तक खड़े नहीं रहना चाहिए। सोते समय पैरों के नीचे तकिया लगा लेनी चाहिए और बैठते समय पैरों को नहीं मोड़ना चाहिए।
डीएमओ ने कहा- आप सपोर्ट ग्रुप के सदस्य फाइलेरिया उन्मूलन में विशेष सहयोग दे सकते हैं। आप गाँव के अन्य लोगों को फाइलेरिया की दवा खाने के लिए प्रेरित करें। फाइलेरिया के कारण जिन मुश्किलों का आप सामना कर रहे हैं आप कोशिश करें कि किसी और को इस तरह की समस्याओं का सामना न करना पड़े।
आप आगे आयें और लोगों को इस बीमारी के प्रति जागरूक करें। अधीक्षक हरचंदपुर डा.शरद कुशवाहा ने बताया- फाइलेरिया न कोई पिछले जनम का श्राप है और न ही भूत प्रेत का साया। यह एक मच्छरजनित बीमारी है। फाइलेरिया को हाथी पाँव के नाम से भी जाना जाता है। इसके संक्रमण के कारण शरीर में सूजन आ जाती है। यह संक्रमण लसिकातंत्र( लिम्फ नोड) को नुकसान पहुंचाता है।
इस बीमारी से बचा जा सकता है। बस हमें कुछ बातें ध्यान में रखनी चाहिए। एक तो लगातार पाँच साल तक सरकार द्वारा एमडीए अभियान के तहत घर घर खिलाई जा रही फाइलेरिया की दवा का सेवन करें और साथ साथ अपने घर व आस-पास सफाई रखें, पानी इकट्ठा न होने दें। यदि पानी इकट्ठा भी है तो उसमें मिट्टी का तेल या मोबिल ऑयल की कुछ बूंदें डाल दें। रात में मच्छरदानी लगाकर सोएं, फुल आस्तीन के कपड़े पहने, मच्छररोधी क्रीम लगायें और सोते समय मच्छररोधी अगरबत्ती का प्रयोग करें। इससे न केवल फाइलेरिया से बचाव होगा बल्कि अन्य मच्छरजनित रोगों जैसे डेंगू, चिकनगुनिया और मलेरिया से भी बचाव होगा।
इस मौके पर फाइलेरिया ग्रसित मरीजों में रुग्णता प्रबंधन (एमएमडीपी) का प्रदर्शन करके भी दिखाया गया।
इस मौके पर 20 फाइलेरिया ग्रसित मरीजों को एमएमडीपी किट का वितरण किया गया।
इस मौके पर सहायक मलेरिया अधिकारी अखिलेश बहादुर सिंह, मलेरिया निरीक्षक पूजा गुप्ता, आतिफ खान, स्वास्थ्य पर्यवेक्षक अजय श्रीवास्तव , के बी सिंह, देवेंद्र सिंह, संतोष कुमारी एएनएम, आशा व आगनवाड़ी कार्यकर्ता और अनेक संख्या में फाइलेरिया रोगी व ग्रामीण उपस्थित रहे।
दबाव और प्रभाव में खब़र न दबेगी,न रुकेगी