बुजुर्ग दंपति में गुजारे भत्ते को लेकर लड़ाई, कोर्ट ने कहा- ‘कलियुग आ गया’
श्री डेस्क : इलाहबाद हाईकोर्ट ने कहा-’80 साल की उम्र होने पर भी गुजारा भत्ता की लड़ाई चिंता का विषय है.’ अगर बुजुर्ग दंपति के बीच समझौता न हुआ तो अगली सुनवाई की तारीख मुकर्रर होगी. हालांकि, कोर्ट ने पति की याचिका पर पत्नी को नोटिस जारी कर दिया
उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बुजुर्ग दंपति के घरेलू विवाद में एक रोचक टिप्पणी की है. भरण-पोषण से जुड़े एक मामले की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने टिप्पणी की- ‘लगता है अब कलियुग आ गया है’. पत्नी गुजारा भत्ता के लिए कानूनी लड़ाई लड़ रही है. निचली अदालत ने इसको लेकर फैसला भी सुना दिया है. इसी फैसले को बुजुर्ग पति ने हाईकोर्ट में चुनौती दी है.
यूपी के अलीगढ़ के मुनेश कुमार गुप्ता ने अपनी पत्नी की तरफ से निचली अदालत में दायर केस के उस आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी, जिसमें पत्नी को गुजारा भत्ता देने (धारा 125 दंड प्रक्रिया संहिता की अर्जी) का आदेश पारित किया गया है. पति की तरफ से इस आदेश की वैधता की चुनौती को लेकर हाइकोर्ट में एक याचिका दाखिल की गई है. इसी याचिका पर कोर्ट सुनवाई कर रहा था.
पति से गुजारा भत्ता की मांग
धारा 125 के तहत भरण-पोषण की याचिका किसी ज्यूडिशियल अफसर के सामने दायर की जा सकती है.पत्नी ने अर्जी में पत्नी ने पति से गुजारा भत्ता की मांग की है. कोर्ट ने पति की याचिका पर पत्नी को नोटिस तो जारी कर दिया, लेकिन उम्मीद जताई कि दोनों समझौता कर लेंगे
लगता है कलियुग आ गया है’
इलाहबाद हाईकोर्ट की न्यायमूर्ति सौरभ श्याम शमशेरी को सिंगल बेंच इस याचिका में सुनवाई करते हुए कहा-’80 साल की उम्र होने पर भी गुजारा भत्ता की लड़ाई चिंता का विषय है.’ बुजुर्ग दंपति के बीच आपसी लड़ाई को लेकर हाईकोर्ट में दाखिल पति की याचिका पर कोर्ट ने कहा- ‘लगता है कलियुग आ गया है.’
कोर्ट ने यह भी कहा है कि अगर बुजुर्ग दंपति के बीच समझौता न हुआ तो अगली सुनवाई की तारीख मुकर्रर होगी. हालांकि, कोर्ट ने पति की याचिका पर पत्नी को नोटिस जारी कर दिया. इसके बाद भी कोर्ट ने कहा कि उम्मीद है कि वे अगली तारीख पर दोनों किसी समझौते के साथ आएंगे.
दबाव और प्रभाव में खब़र न दबेगी,न रुकेगी