नहरों में पानी की जगह उड़ रही धूल, किसान परेशान
नहर में पानी न आने से सूख रही मेंथा की फसल, धान की नर्सरी में हो रहा विलम्ब
जल्द ही नहर में पानी ना छोड़े जाने पर किसानों ने दी आंदोलन की चेतावनी
शिवगढ़,रायबरेली : मेंथा की सिंचाई एवं धान की नर्सरी के समय क्षेत्र के शिवगढ़ राजबहा,गूढ़ा रजबहा,बैंती रजबहा एवं इनसे निकलने वाली माइनरों एवं अल्पिकाओं में पानी की जगह धूल उड़ रही है जिसको लेकर किसान परेशान है, नहर में पानी न आने से किसानों में सिंचाई विभाग एवं प्रदेश सरकार के प्रति गहरा रोष व्याप्त है। जल्द ही नहर में पानी ना छोड़े जाने पर किसानों ने आंदोलन की चेतावनी दी है। आलम यह है कि नहर में पानी न आने से जहाँ किसानों को हर सप्ताह इंजन के पानी से मेंथा की फसल की सिंचाई करनी पड़़ रही है वहीं धान की नर्सरी में विलम्ब हो रहा है। इंजन का पानी महंगा पड़ने के कारण अधिकांश किसानों ने तो मेंथा की सिंचाई करना ही बंद कर दिया है जिसके चलते उनकी मेंथा की फसल सूख कर खाक हो गई है, ऐसे में उन्हें भारी नुकसान का सामना करना पड़ेगा।
शिवगढ़ नगर पंचायत के भवनपुर के रहने वाले प्रगतिशील कृषक एवं पूर्व पिपरी प्रधान नन्दकिशोर तिवारी का कहना है कि क्षेत्र में नहर ही सिंचाई का प्रमुख साधन है ऐसे में नहर में पानी न आने से धान की नर्सरी में विलम्ब हो रहा है, उन्होंने सिंचाई विभाग के उच्चधिकारियों से नहर में पानी छोड़े जाने की मांग की है।
समाजवादी पार्टी युवजन सभा के बछरावां विधानसभा अध्यक्ष ओम प्रकाश रावत का कहना है कि प्रदेश की योगी सरकार किसानों की आय बढ़ाने का ढिंढोरा पीटती है किन्तु विडम्बना है कि मेंथा की सिंचाई एवं धान की नर्सरी के समय नहर में पानी की जगह धूल उड़ रही है ऐसे में कैसे किसानों की आय दोगनी होगी।
शिवगढ़ द्वितीय से जिला पंचायत सदस्य अंजली पासी,चुन्नीलाल खेड़ा मजरे गूढ़ा के रहने वाले कृषक मनोज रावत ,कृषक मायाराम रावत का कहना है कि नहर में पानी न आने से धान की नर्सरी में विलम्ब हो रहा है यदि जल्द ही नहर में पानी न छोड़ा गया तो धान की नर्सरी पिछड़ जाएगी,ऐसे में धान के उत्पादन पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। उन्होंने जिलाधिकारी से नहर में पानी छुड़वाने की मांग की है।
शेड्यूल के चलते नहर बन्द थी। रविवार को नहर में पानी छोड़ दिया जाएगा। रविवार की रात से लेकर सोमवार की शाम तक हर हाल में शिवगढ़ राजबहा,रजबहा के साथ ही सभी माइनरों एवं अल्पिकाओं में पानी पहुंच जाएगा।
यह भी पढ़े :
- मिट्टी में पोषक तत्वों की जानकारी के लिए जरूरी है मृदा परीक्षण : कृपाशंकर
- आदर्श जलाशय में पानी की जगह उड़ रही धूल
दबाव और प्रभाव में खब़र न दबेगी,न रुकेगी