रक्षा मंत्रालय ने कहा अग्निवीरों का भविष्य सुरक्षित, कई विभागों में होंगे आगे भी अवसर
रक्षा मंत्रालय ने शनिवार को साफ किया कि अग्निवीरों का भविष्य सुरक्षित है। उनके लिए कई विभागों में अवसर मिलेंगे। मंत्रालय ने कहा कि देश की तीनों सेनाओं में भर्ती के लिए लाई गई अग्निपथ स्कीम का विरोध एक साजिश के तहत कराया जा रहा है और इसका भविष्य के रोजगार से कुछ लेना देना नहीं है।
रक्षा मंत्री कार्यालय की ओर से शनिवार को जारी बयान में कहा गया है कि जो अग्निवीर अपेक्षित मानदंड को पूरा करेंगे उनके लिए रक्षा मंत्रालय में 10 फीसदी रिक्तियों को आरक्षित किया जाएगा। सरकार ने यह भी साफ किया है कि यह कोटा पूर्व सैनिकों को मिलने वाले कोटे से अलग होगा। मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आवश्यक पात्रता मानदंडों को पूरा करने वाले अग्निवीरों के लिए मंत्रालय में नौकरी की 10 फीसदी रिक्तियों को आरक्षित करने के प्रस्ताव को मंजूरी भी दे दी है। रक्षा मंत्रालय ने कहा कि इन प्रावधानों को लागू करने के लिए प्रासंगिक भर्ती नियमों में जरूरी संशोधन किए जाएंगे। इसके अलावा रक्षा क्षेत्र के सार्वजनिक उपक्रमों को सलाह दी जाएगी कि वे अपने संबंधित भर्ती नियमों में भी समान संशोधन करें।
मंत्रालय ने एक बात और स्पष्ट करते हुए कहा कि भर्ती में आवश्यक आयु में छूट का प्रावधान भी किया जाएगा। इसके अलावा भारतीय तटरक्षक बल और डिफेंस सिविल पोस्ट के लिए और रक्षा क्षेत्र की सभी 16 सार्वजनिक उपक्रमों की नौकरियों में 10 फीसदी रिक्तियों को आरक्षित किया जाएगा। सरकार ने यह भी साफ कर दिया है कि यह आरक्षण पूर्व सैनिकों को मिलने वाले कोटे से अलग होगा।
खेल मंत्रालय खोलेगा अपनी झोली
खेलमंत्री अनुराग ठाकुर ने शनिवार को कहा कि चार साल की सेवा पूरी करने के बाद अग्निवीरों के लिए खेल मंत्रालय भी अपनी झोली खोलेगा। उन्होंने कहा कि जो सैनिक फिजिकल एजुकेशन टीचर बनना चाहेंगे उनके लिए सरकार अलग से कोर्स और प्रशिक्षण उपलब्ध कराएगी। अनुराग ठाकुर ने कहा कि अभी देश में 15 लाख फिजिकल एजुकेशन टीचर्स के पद खाली पड़े हैं। इसमें इनका कैसे समायोजन किया जाएगा, इस पर नीति बनेगी। अनुराग ठाकुर ने हिंसा तत्काल खत्म करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि ऐसे युवा जो सेना में जाना चाहते हैं वह हिंसा कर ही नहीं सकते। उन्होंने कहा कि युवाओं को भड़काया और गुमराह किया जा रहा है। यह कार्य विपक्ष कर रहा है।