हिमांशु मिश्रा के दावे पर सोशल मीडिया पर छिड़ी बहस, ऑनलाइन गेम्स में 96 लाख गंवाने का क्या है सच

Himanshu Mishra 96 Lacks Claim: ऑनलाइन गेम्स में 96 लाख गंवाने का दावा करने वाले हिमांशु मिश्रा के दावों पर चर्चा शुरू हो गई है। सोशल मीडिया पर हिमांशु के दावों को फर्जी करार दिया जा रहा है। यूजर्स का कहना है कि 96 लाख की राशि बड़ी होती है। इतना पैसा कोई कैसे किसी को उधार दे सकता है?

कानपुर: उत्तर प्रदेश के कानपुर में रहने वाले हिमांशु मिश्रा के दावे पर सवाल खड़ा हो गया है। हालांकि, सवाल उसके कानपुर निवासी होने पर भी उठाया जा रहा है। हिमांशु इन दिनों पॉडकास्ट में किए गए दावों को लेकर चर्चा में है। हिमांशु इन पॉडकास्ट में लोगों को ऑनलाइन गेम्स के मकरजाल से बचने की सलाह देता दिख रहा है। इसमें वह दावा करता कि उसने 96 लाख रुपये ऑनलाइन गेम्स में गंवाए हैं। अब उसके इसी दावे पर सवाल खड़ा किया जा रहा है। सोशल मीडिया पर एक वर्ग का दावा है कि वह कानपुर में कई लोगों के साथ फ्रॉड कर दिल्ली भागा है। वहीं, एक वर्ग का दावा कि हिमांशु बिहार का रहने वाला है। उसकी बातें भरोसा करने लायक नहीं होने की बात कही जा रही है।

एक यूजर शेयर किया एफआईआर

हिमांशु मिश्रा के खिलाफ कानपुर में एफआईआर भी दर्ज कराया गया है। सोशल मीडिया एक्स पर यूजर्स इस एफआईआर की कॉपी को शेयर कर रहे हैं। एक यूजर ने लिखा कि कानपुर में अक्षय त्रिवेदी ने गुजैनी निवासी हिमांशु मिश्रा पर धोखाधड़ी की शिकायत दर्ज कराई है। कानपुर में अन्य लोग भी सामने आ रहे हैं, जिनके साथ धोखाधड़ी करके रुपये लेकर हिमांशु मिश्रा दिल्ली भागा है।

कानपुर में दर्ज कराए गए एफआईआर में अक्षय द्विवेदी का दावा है कि उसकी मुलाकात हिमांशु से काकादेव कोचिंग एरिया में हुई थी। उसने खुद को बिहार का बताते हुए रैनबसेरा में रहकर पढ़ाई करने की बात कही थी। वह बैंक और एसएससी की तैयारी करने की बात कह रहा था। उसने अक्षय को बताया था कि फोन बेचकर किताब खरीदने की बात कही।

Debate broke out on social media on Himanshu Mishra's claim, what is the truth about losing 96 lakhs in online games?

अक्षय अपनी शिकायत में कहते हैं कि हमने उसकी आर्थिक मदद की और अंकित सर के यहां एडमिशन कराया। शिकायती पत्र में अक्षय ने कहा है कि पिछले दिनों हमने सोशल मीडिया पर हिमांशु का वायरल वीडियो देखा। इसमें वह ऑनलाइन गेम्स में 96 लाख गंवाने का दावा कर रहा था।

अक्षय कहते हैं कि हम राजनीतिक पार्टी से जुड़े हैं। लोगों की सहायता करते रहते हैं। इस घटना ने हमें गहरा आघात पहुंचाया है। उन्होंने यूपी पुलिस ने अनुरोध किया है कि इस प्रकरण की गंभीरता से जांच कराकर उचित कार्रवाई करें।

बालासोर में भी दिखा था हिमांशु

सोशल मीडिया पर एक यूजर मीडियाकर्मी के हवाले से दावा करता है कि पिछले साल जब उड़ीसा के बालासोर में तीन ट्रेनें टकराई थीं। 300 लोग मारे गए थे, तब हिमांशु वहां मिला था। हिमांशु ने कहा था कि जिस ट्रेन का एक्सीडेंट हुआ, वह उसी में था। उसने रिपोर्टर से कुछ पैसों की मदद मांगी। रिपोर्टर ने उसे 500 रुपये दिए थे। उसके बारे में पूछताछ की गई तो ऐसी बातें बताई थी, जिस पर भरोसा करना मुश्किल था।

वह दावा करते हैं कि हिमांशु के पिता से बात हुई। वे भागलपुर-बांका तरफ के रहने वाले हैं। उन्होंने कहा कि पैसा वगैरह मत दीजिएगा। ये ऐसे ही मांगता रहता है। यहां मेरे पास कोचिंग पढ़ने आने वाली लड़कियों की साइकिल तक बेच चुका है। हालांकि, उन्होंने ऑनलाइन गेम या सट्टा लगाने की बात नहीं बताई थी। वह कहते हैं कि 96 लाख रुपए बहुत बड़ी रकम है।

यूजर का कहना है कि आदमी 5 हजार रुपये भी उधार देने के समय सोचता है। ऑनलाइन गेम में अगर आप हारते हैं तो एक समय के बाद खेलना बंद करते देते हैं। किसी भी गेम में लत जीतने की लगती है। हारने की लत की बात ही गलत है। सोशल मीडिया पर अन्य यूजर भी इसी प्रकार के दावे करते दिखते हैं।

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