सात दिवसीय संगीतमय श्रीमद् भागवत कथा सुनने के लिए उमड़ी भीड़
बाराबकी : विकासखंड हैदरगढ़ क्षेत्र के अंतर्गत जासेपुर गांव में सात दिवसीय सगीतमयी श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन किया जा रहा है । कथा सुनने के लिये भक्तो की भीड उमड रही है ।अयोध्या धाम से पधारे कथा वाचक पंडित श्री स्वयं प्रकाश आचार्य जी महराज कथा के दूसरे दिन आत्म देव और धुंधली और धुंधकारी की कथा को विस्तार से सुनाया। उन्होंने बताया कि आत्मदेव जोकि एक वेद पाठी ब्राह्मण थे, बड़े ही विद्वान थे, लेकिन उनके यहां कोई पुत्र नहीं था। वह ग्लानि से भरे हुए एक दिन जंगल में जा पहुंचे।
वहां उन्हें एक साधु के दर्शन हुए। साधु ने उन्हें एक फल दिया। आत्मदेव की पत्नी धुंधली ने वह फल अपनी गाय को खिला दिया। कुछ समय बाद गाय ने एक बच्चे को जन्म दिया। उसका पूरा शरीर मनुष्य का था, केवल कान गाय के थे जिसका नाम गोकर्ण रखा गया। एक धुंधली का पुत्र जोकि उसकी बहन का था, का नाम धुंधकारी रखा गया।
आचार्य ने बताया कि साधु के आशीर्वाद से जो पुत्र हुआ वह ज्ञानी धर्मात्मा हुआ और धुंधकारी दुराचारी, व्यभिचारी निकला। व्यसन में पड़कर चोरी करने लगा। एक दिन लोभ में आकर इसकी हत्या कर दी। बाद में यह प्रेत बना, जिसकी मुक्ति के लिए गोकर्ण महाराज जी ने भागवत कथा का आयोजन किया। भागवत कथा सुनकर धुंधकारी को मोक्ष की प्राप्ति और प्रेत योनि से मुक्ति मिली।
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