उचित खानपान और जागरूकता से बचा जा सकता है कैंसर से : डा. प्रदीप शैलत
रिपोर्ट – उपेन्द्र शर्मा
- विश्व कैंसर जागरूकता दिवस आज
- शरीर में किसी भी तरह के बदलाव या गांठ होने पर तुरंत चिकित्सक से परामर्श करें
- लक्षण नजर आने पर जल्दी जांच और उपचार करें
- इस वर्ष की थीम है “क्लोज द केयर गेप”
नोएडा, 3 फरवरी 2023। उचित खानपान, नियमित व्यायाम और जागरूकता से कैंसर से बचा जा सकता है। यह बात शुक्रवार को जिला अस्पताल में एनसीडी क्लीनिक के वरिष्ठ फिजिशियन डा. प्रदीप शैलत ने कही। शनिवार (चार अप्रैल) को जनपद में विश्व कैंसर जागरूकता दिवस मनाया जाएगा। हर वर्ष चार फरवरी को विश्व कैंसर जागरूकता दिवस मनाया जाता है। इसका उद्देश्य लोगों को कैंसर के प्रति जागरूक करना है। विश्व कैंसर जागरूकता दिवस की इस वर्ष की थीम “क्लोज द केयर गेप” है।
डा. प्रदीप ने बताया- शरीर के किसी अंग में कैंसर हो सकता है। लेकिन चिंता की बात यह होती है कि यह शरीर के एक हिस्से से दूसरे में आसानी से फैल जाता है, इसलिए सबसे जरूरी है कैंसर की शुरुआत में ही इसका पता लगाना। अगर पहली स्टेज में कैंसर का पता चल जाए तो काफी हद तक मरीज को बचाया जा सकता है। उन्होंने कहा आजकल की भाग दौड़ भरी जिन्दगी में लोग अपने स्वास्थ्य पर ध्यान नहीं देते हैं। यदि बीमारियों को लेकर लोग जागरूक हो जाएं और नियमित जांच कराएं तो कैसर जैसी बीमारियों से भी बचा जा सकता है। उन्होंने अनियमित खानपान, धूम्रपान, शराब- तम्बाकू सेवन, पौष्टिक भोजन न करना भी कैंसर का एक कारक बताया। उन्होंने कहा- अत्यधिक धूम्रपान- तम्बाकू का सेवन से न केवल फेफड़ों और मुंह का कैंसर होता है बल्कि लम्बे समयअंतराल में यह यूरिनल ब्लैडर और प्रोस्टेट कैंसर का कारण बन जाता है। लम्बे समय तक शराब के सेवन से लिवर के कैंसर का खतरा रहता है।
डा. शैलत ने बताया- जिन लोगों के परिवार में कैंसर का इतिहास है उन्हें बहुत सावधान रहना चाहिए। उन्हें समय-समय पर जांच करानी चाहिये ताकि कैंसर का जल्दी पता चल सके। वैसे तो हर बीमारी में जितना जल्दी उपचार होता है उतना जल्दी मरीज के स्वस्थ होने की संभावना बढ़ती है। कैंसर के मामले में तो यह बहुत जरूरी है।
उन्होंने बताया भारत में महिलाओं में स्तन कैंसर, ग्रीवा (गर्माशय) कैंसर, कोलोरेक्टल (पेट का कैंसर या बड़ी आंत) कैंसर और पुरुषों में प्रोस्टेट, मुंह, अमाशय, लिवर कैंसर आम हैं। उन्होंने कहा- शरीर में किसी भी तरह के परिवर्तन, गांठ इत्यादि होने पर सतर्क हो जाना चाहिए और तुरंत चिकित्सक से परामर्श करना चाहिए।
डा. प्रदीप ने बताया- कैंसर नियंत्रण एवं उपचार ह्रदयरोग और आघात के राष्ट्रीय कार्यक्रम (एनपीसीडीसीएस) राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत जिला स्तर पर चलाये जाते हैं। इसके तहत सरकारी चिकित्सालय में जांच और उपचार की सुविधा उपलब्ध है।
बचाव के उपाय
शराब, बीड़ी- सिगरेट, तम्बाकू का सेवन न करें
अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता विकसित करें
भरपूर नींद लें- व्यायाम करें
विटामिन युक्त रेशेदार पौष्टिक भोजन करें (हरी सब्जी, फल अनाज, दाल)
वजन सामान्य रखें, प्रदूषण रहित वातावरण में रहें, साफ सफाई रखें
शरीर के किसी भी अंग या हिस्से में गांठ होने पर तुरंत जांच कराएं
महिलाएं माहवारी के बाद हर महीने स्तनों की जांच करें।