शंख को कान में लगाकर सुनने से उठती है सागर की जैसे लहरों की आवाजें
हिंदू धर्म के अनुसार आज भी हमारी धरती पर अनेकों शक्तियां है जिसका आभास हम इस तरह की अनेकों चीजों हमे देखने को मिलता है आइए जानते हैं ।
शंख से क्यों निकलती है समुद्र जैसी आवाजें
हिंदू धर्म के अनुसार जिस घर में देवी देवताओं की पूजा अर्चना की जाती है उन सभी घरों में रामचरितमानस और श्रीमद् भागवत कथा प्रत्येक घर में विराजमान होती है और हर घर में शंख जरूर होते हैं।
क्यों रखे जाते हैं पूजा घर में शंख
कहा जाता है कि समुद्र में भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी शेषनाग की सैया पर विश्राम करते हैं और माता लक्ष्मी उनके चरणों को में हमेशा विराजमान रहती हैं और भगवान विष्णु के हाथों में शंख चक्र गदा विराजमान रहता है तो शंख से निकलने वाली ध्वनि जो कान लगाकर सुनने से लहरों की उठने जैसी आवाज आती हैं जो कि भगवान विष्णु के समुद्र में रहने के कारण समुद्र की उठने वाली आवाज भगवान विष्णु के हाथों में जो शंख होता है उसी शंख से निकलने वाली ध्वनि सभी घरों के शंख में प्रवेश कर जाती हैं जो कि वही आवाज शंख में कान लगाकर सुनने पर सुनाई देती है कहा जाता है कि शंख को नहा धोकर प्रतिदिन बजाना चाहिए जिससे निकलने वाली ध्वनि से अपने आसपास का वातावरण शुद्ध और स्वच्छ होता है और अपने आसपास जितने भी नकारात्मक शक्तियां होती हैं वह शंख की ध्वनि से नष्ट हो जाती हैं और शंख को लड़कियों या महिलाओं को नहीं बजाना चाहिए ।
कहां से मिलते हैं शंख
इससे प्रारूप सहित तो नहीं बताया जा सकता है लेकिन फिर भी कहा जाता है कि समुद्र में उठने वाली लहरों में शंख पाए जाते हैं जिसका आज तक कोई अनुमान नहीं लगाया जा सकता है ।
शंख को ध्यान से सुनने पर क्यों सुनाई देती है घंटों की ध्वनि।
कहा जाता है आज भी जो हम आप पूजा व्रत करते हैं और मंदिरों में पूजा पाठ किया जाता है और घंटा घड़ियाल आदि बजाए जाते हैं वही ध्वनि घर में रक्खे शंख में सुनाई देती है ।
द्वापर में क्यों डूब गई द्वारिकापुरी
कहा जाता है कि जब भगवान श्री कृष्ण का समय पूरा होने वाला था तब भगवान कृष्ण ने अर्जुन से कहा कि हे अर्जुन मेरे अंत के तुरंत बाद ही यह द्वारिकापुरी सागर में डूब जाएगी इसलिए तुम द्वारिका वासियों को गायों को यहां से बाहर ले जाओ तो अर्जुन ने पूछा ऐसा क्यों तब भगवान कृष्ण ने बताया कि हे अर्जुन यहां पर अब लोग पाप अधिक करने लगे हैं और मांस मदिरा का सेवन अधिक करने लगे हैं इसलिए द्वारिकापुरी हमारे साथ ही नष्ट हो जाएगी।अगर आप हमारा यह लेख पसंद आया हैतो लाइक करिए सब्सक्राइब करिए कमेंट करिए और इसी तरह जुड़े रहिए हमारे साथ हमारे अगले लेख को पढ़ने के लिए।