बस और ट्रक की टक्कर कई घायल,चार गंभीर लखनऊ रेफर
रिपोर्ट – मुन्ना सिंह
बाराबंकी : पूर्वांचल एक्सप्रेसवे के 46.700 प्वांइट के पास एक बस और ट्रक में जबरदस्त टक्कर हो गई। सूचना पर पहुंची यूपीडा एम्बूलेंस की सहायता से सभी घायलों को सीएचसी हैदरगढ़ में भर्ती कराया गया जहां डाक्टरों ने गंभीर रूप से घायल चालक व बस में सवार चार यात्रियों को ट्रामा सेंटर लखनऊ को रेफर कर दिया गया।
मामूली रूप से चोटिल यात्रियों को प्राथमिक उपचार के बाद छुट्टी दे दिया। मिली जानकारी के मुताविक बीती रात लगभग 2 बजे परिवहन विभाग में अनुबंधित बस आजमगढ़ डिपो सवारियों को लेकर आजमगढ़ से लखनऊ आ रही थी तभी वह सुबेहा थाना क्षेत्र के सबनामऊ गांव के पास पहुंची ही थी, कि पहले से खड़े एक दुर्घटनाग्रस्त ट्रक से टकरा गई। बस की टक्कर इतनी तेज थी कि बस का अगला हिस्सा पूरी तरह से छतिग्रस्त हो गया और बस में सवार दर्जनों यात्री घायल हो गये।
परिचालक की सूचना पर पहुंची यूपीडा एम्बूलेस की सहायता से सभी घायलों को उपचार हेतु सीएचसी में भर्ती कराया गया। घायलो को इलाज कर रहे डाक्टर जय शंकर पाण्डेय ने बताया कि बस चालक रंजीत यादव पुत्र राम सूरत, प्रभावती पत्नी पाखण्डी, रविशंकर गौतम पुत्र राम स्वरूप, नीरज वर्मा पुत्र शम्भू आदि लोगों को गंभीर अवस्था में ट्रामा सेंटर लखनऊ रेफर कर दिया जबकि मामूली चोटिल लोगों को प्राथमिक उपचार के बाद छुट्टी दे दी। बस में सवार आजमगढ़ निवासी सोनू ने बताया कि उक्त घटना रात लगभग 2 बजे हुई थी उस समय बस में सवार लगभग सभी यात्री सो रहे थें।
वही परिचालक का कहना था कि एक ट्रक पहले से डिवाइडर पर पलटा हुआ था उस और दूसरा ट्रक विपरीत दिशा से आ रहा था चकाचैध के चलते समझ नही मिला यदि डिवाडर पर पहले से ट्रक न होता तो शायद यह हादसा ना हुआ होता। बस में कुल 16 यात्री सवार थे अभी तक कोई अप्रिय घटना घटित नही हुई हैै।
अगर देखा जाए तो पूर्वांचल एक्सप्रेसवे पर आये दिन हो रही ताबड़ तोड़ दुर्घटनाएं थमने का नाम नही ले रहा अभी कुछ सप्ताह पूर्व बस दुर्घटना में दर्जनों लोग चोटिल हो गये और आधा दर्जन से ज्याद पैंसेजर काल के गाल में भी समा गये। यदि उपरोक्त दोनो घटनाओं में देखा जाए तो कही न कही पूर्वांचल एक्सप्रेसवे पर पेट्रोलिंग टीम की लापरवाही सामने आ रही है।
यदि पहले से दुर्घटना ग्रस्त ट्रक को हटवा दिया जाता तो शायद आजमगढ़ डिपो दुर्घटना ग्रस्त ना होती और लोग ना ही लोग गंभीर घायल होते और ना ही लोग असमय काल के गाल समाते।
