बाराबंकी : बिजली विभाग द्वारा शाम ढलते ही रोस्टिंग के नाम पर हो रही विद्युत आपूर्ति की कटौती से परेशान व हल्कापन
रिपोर्ट – मुन्ना सिंह
बाराबंकी : स्थानीय तहसील हैदरगढ़ के क्षेत्रवासियों को बिजली विभाग द्वारा शाम ढलते ही रोस्टिंग के नाम पर हो रही विद्युत आपूर्ति की कटौती से परेशान व हल्कापन है। क्योंकि यह समय खाना बनाने के अलावा बाहर से थके हारे घर आने वाले लोगों के विश्राम का समय होता है। लेकिन यहां विभाग के जिम्मेदार लोग मुख्यमंत्री के बिजली सुधार के रोज दे रहे आदेशों की जमकर धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। सरकार ने बिजली पर्याप्त मात्रा में देने के आश्वासन के बाद सरकारी दुकानों पर केरोसीन वितरण का काम भी बहुत पहले बंद कर दिया है ,लेकिन नतीजा यह निकला कि विभाग रोस्टिंग के नाम पर शाम को ही विजली कटौती करने लगा है जिससे न सिर्फ विद्युत उपभोक्ताओं खासकर ग्रामीण इलाकों में अंधेरा छाया हुआ है। महिलाएं चूल्हा जलाये अंधेरे में बिजली आने का इंतजार कर रही हैं ।
प्रदेश के मुखिया लगातार विभाग को निर्देश दे रहे हैं कि बिजली व्यवस्था में और सुधार किया जाए ,लेकिन विभाग सरकारी आदेशों की अवहेलना कर मनमानी बिजली कटौती कर रहा है जिससे आम उपभोक्ता ना सिर्फ नाराज है बल्कि सरकार के प्रति जनता का आक्रोश बढ़ता जा रहा है। बरसात का महीना चारों तरफ कीचड़ जहरीले जीव जंतुओं का निकलना लगातार जारी है । तमाम लोग जहरीले जंतुओं के डसने से काल के गाल में समा चुके हैं । लेकिन बिजली व्यवस्था सुधरने का नाम नहीं ले रही है। कहा जा सकता है कि सरकार के तमाम प्रयास नाकाफी साबित हो रहे हैं ।
ब्रेकडाउन के नाम पर भी अच्छी खासी बिजली की कटौती की जाती है रोस्टिंग के नाम पर 24 घंटे में कई बार बिजली काट कर उपभोक्ताओं को परेशान किया जा रहा है। 18 घंटे बिजली देने का मुख्यमंत्री का आदेश इस क्षेत्र में अमल में विभाग द्वारा नहीं लाया जा रहा है। ग्रामीण तो अब यहां तक कहने लगे हैं कि विभागीय अधिकारी पूरी तरह से निरंकुश हो गए हैं जो सरकार की बात को ही सुनने को तैयार नहीं है। शिकायतें बिजली विभाग के लिए कोई मायने नहीं रखती इससे पूर्व अधिशासी अभियंता के गैर जनपद तबादले के बाद से बिजली सप्लाई व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है। विभाग के जिम्मेदार ना तो उपभोक्ताओं का फोन उठा रहे हैं ,न ही ऑफिस जाने पर उपभोक्ताओं से मिलने को तैयार हैं।
अधिशासी अभियंता का तो आलम यह है कि पहले काम और नाम की चिट उनके यहां नियुक्त अनुचर के द्वारा भेजो तो साहब की मर्जी जब होगी आपको बुलाया जाएगा नहीं तो आप घंटों इंतजार के बाद वापस चले जाइए । इस तरह की तानाशाही या यूं कहें कि अधिशासी अभियंता ने सरकारी कार्यालय को अपना घर समझ कर ड्यूटी कर रहे हैं किस से मिलना है किससे नहीं मिलना यह उनकी मर्जी व रहमो करम पर निर्भर है । हालांकि विद्युत उपखंड अधिकारी मनोज कुमार क्षेत्र में बिजली व्यवस्था को सुधारने में देर रात तक कड़ी मेहनत करते देखे जा रहे हैं। इसके बावजूद भी विद्युत सप्लाई व्यवस्था बेपटरी ही नजर आ रही है। फिलहाल शासन प्रशासन इस पर अंकुश कब लगा पाएगा यह तो देखने वाली बात है लेकिन जनता सरकार और बिजली विभाग के प्रति बेहद नाराज व आक्रोश में दिख रही है।