बाराबंकी : सतनामी महंत रामदास का निधन

बाराबंकी : सतनामी संप्रदाय की 14 गद्दी में से एक जरौली गद्दी के महंत  रामदास ‘क्रूर’ का गुरुवार को निधन हो गया। वह 85 वर्ष के थे। उन्होंने एक ग्रंथ समेत 100 किताबें लिखी हैं। निधन की सूचना पाने के बाद हजारों शिष्य उनके स्थान पर पहुंच गए।

सतनामी संप्रदाय की उद्गगम स्थली कोटवाधाम के संत जगजीवन साहब के 14 शिष्यों में से एक शिष्य बाबा प्यारेदास बनीकोडर ब्लाक की ग्राम पंचायत जरौली निवासी थे। गद्दी के स्थान पर बाबा  की समाधि बनी है। पिछले कई सालों से रामदास  ‘क्रूर’ जरौली गद्दी के महंत थे और उन्होंने गद्दी के विकास के लिए तमाम कदम उठाएं। मूल रूप से लखनऊ के अचली खेड़ा के निवासी  रामदास  क्रूर ने बृहस्पतिवार को अंतिम सांस ली।

जरौली गांव के निवासी व साहित्यकार योगेंद्र मधूप ने बताया कि संत शिरोमणि  रामदास जी ने एक ग्रंथ समेत 100 किताबें लिखी हैं। निधन की सूचना पाने के बाद साहित्यकार विनय दास समेत दूर-दूर से शिष्यों का आना जारी रहा।

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