अधिवक्ता अखिलेश माही के खिलाफ मुकदमा दर्ज होने से नाराज अधिवक्ताओं ने की हड़ताल!
रायबरेली : जिला कलेक्ट्रेट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष ने आपात बैठक बुला कर पुलिस द्वारा अधिवक्ता अखिलेश माही के खिलाफ लिखाए गए मुकदमे की निंदा करते हुए न्यायिक कार्य से विरत रहने का फैसला लिया! कलेक्ट्रेट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष ने जिलाधिकारी, पुलिस अधीक्षक व न्यायिक अधिकारियों को प्रेषित पत्र में कहा कि अधिवक्ता अखिलेश माही के खिलाफ पुलिस ने द्वेष भावना से ग्रसित होकर प्रताड़ित करने के उद्देश्य से मुकदमा लिखा है जो कि निंदनीय है और इसकी निष्पक्ष जाँच कर निर्दोष अधिवक्ता के खिलाफ लिखा गया मुकदमा वापस लिया जाए व पुलिस द्वारा मुकदमा लिखे जाने का हम सभी अधिवक्ता गण पुरजोर विरोध करते है इसलिए आज न्यायिक कार्य से विरत रहेंगे!
अधिवक्ता अखिलेश माही ने बताया कि पुलिसिया रवैया ऐसा हो गया है कि पीड़ित का मुकदमा लड़ना भी अधिवक्ताओं के लिए चुनौती बन गया है, मेरे एक मुवक्किल के विपक्षी बलराम यादव ने उसके खिलाफ मुकदमे की पैरवी ना करने का लगातार मुझ पर दबाव बनाया, जब मैंने उसकी बात नहीं मानी तो उसने मुझ पर जानलेवा हमला भी करवाया जिसका मुकदमा सदर कोतवाली में दर्ज है लेकिन पुलिस ने उसके खिलाफ अभी तक कोई कार्यवाही नहीं की है, उल्टा सेटिंग-गेटिंग के खेल से अनुग्रहित पुलिस मुझे ही प्रताड़ित करने पर आमादा हो गयी है! लेकिन मुझे न्यायालय पर पूरा भरोसा है मुझे और मेरे मुवक्किल को अवश्य न्याय मिलेगा और जल्द ही मेरे मुवक्किल के विपक्षी और उससे अनुग्रहीत द्वेष भावना से काम करने वाले पुलिस कर्मियों के खिलाफ न्यायालय सख्त कार्यवाही करेगी!
सेंट्रल बार के अधिवक्ताओं ने भी जताई नाराजगी-
भदोखर थाने में तैनात दरोगा जीतेन्द्र कुमार ने अधिवक्ता अखिलेश माही वा अन्य अज्ञात अधिवक्ताओं पर दिनांक 12 सितम्बर को दीवानी परिसर में उनके वा अन्य पुलिस कर्मियों के साथ मार-पीट करने का मुकदमा लिखवाया है जिसको लेकर जिले के अधिवक्ताओं में खासी नाराजगी है! अधिवक्ता के खिलाफ मुकदमे को लेकर सेन्ट्रल बार एसोसिएशन भी खासा आक्रोशित है, सेन्ट्रल बार एसोसिएशन के निवर्तमान जिलाध्यक्ष सुरेंद्र सिंह भदौरिया ने भी नाराजगी जताई है और पुलिस की कार्य शैली पर सवाल उठाते हुए कहा है कि अधिवक्ता कानून के जानकार होते है और अधिवक्ता जब प्रशासन के समक्ष कानून के अंतर्गत बात रखते है तो प्रशासनिक अधिकारी क्षुब्ध हो जाते है इसी कारण से पुलिस कर्मियों से कहासुनी हो जाती है, निवर्तमान अध्यक्ष ने मांग की है जिले के आला अधिकारी मामले की गंभीरता को समझते हुए निर्दोष अधिवक्ता का उत्पीड़न ना किया जाए! बार के निवर्तमान महामंत्री शशि कांत शुक्ला ने भी अधिवक्ता के खिलाफ मुकदमा लिखे जाने को लेकर नाराजगी जताई है और अखिलेश माही के खिलाफ लिखे गए मुकदमे को लेकर संघर्ष करने की बात कही है!
तूल पकड़ सकता है अधिवक्ता के खिलाफ लिखा गया मुकदमा-
अधिवक्ता अखिलेश माही के खिलाफ लिखे गए मुकदमे को लेकर कलेक्ट्रेट बार वा सेन्ट्रल बार के अधिवक्ताओं की नाराजगी को यदि प्रशासन ने शीघ्र शांत नहीं किया तो यह मामला प्रशासन के लिए बड़ा सर दर्द बन सकता है, सूत्रों की माने तो यदि जल्द ही प्रशासन ने अधिवक्ताओं के साथ सामंजस्य नहीं बनाया तो अधिवक्तागण हड़ताल पर जा सकते है!