अखिलेश यादव ने एक्सप्रेसवे के उद्घाटन को बता डाला चलताऊ, वीडियो शेयर कर रखी अपनी बात
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे का उद्घाटन किया। हालांकि, इस बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे को लेकर अब राजनीति भी शुरू हो गई है। समाजवादी पार्टी (सपा) के प्रमुख अखिलेश यादव ने योगी सरकार पर आधे अधूरे बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे के उद्घाटन का आरोप लगा दिया है। इसको लेकर अखिलेश यादव ने एक ट्वीट किया। अपने ट्वीट में अखिलेश यादव ने लिखा कि आधे-अधूरे बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे के उद्घाटन की हड़बड़ी बताती है कि इसका डिज़ाइन भी ऐसे ही चलताऊ बना है। इसके साथ ही पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा …तभी डिफ़ेंस कॉरिडोर के पास होने के बाद भी यहाँ भाजपा सरकार, सपा काल में बने आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे जैसी हवाई पट्टी न बना पाई। इसे चित्रकूट तक विकसित न करना दूरदृष्टि की कमी है। सपा प्रमुख ने अपने ट्वीट के साथ एक वीडियो भी साझा किया।
आधे-अधूरे बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे के उद्घाटन की हड़बड़ी बताती है कि इसका डिज़ाइन भी ऐसे ही चलताऊ बना है तभी डिफ़ेंस कॉरिडोर के पास होने के बाद भी यहाँ भाजपा सरकार, सपा काल में बने आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे जैसी हवाई पट्टी न बना पाई। इसे चित्रकूट तक विकसित न करना दूरदृष्टि की कमी है। pic.twitter.com/KjhQPcOGoP
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) July 16, 2022
आपको बता दें कि प्रधानमंत्री मोदी ने 29 फरवरी, 2020 को बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे का शिलान्यास किया था। इस एक्सप्रेसवे का काम 28 महीने के भीतर पूरा कर लिया गया है। इस चार लेन वाले एक्सप्रेसवे का निर्माण उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवेज औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीईआईडीए) के तत्वावधान में लगभग 14,850 करोड़ रुपये की लागत से किया गया है और आगे चलकर इसे छह लेन तक भी विस्तारित किया जा सकता है। यह एक्सप्रेसवे चित्रकूट जिले में भरतकूप के पास गोंडा गांव में राष्ट्रीय राजमार्ग-35 से लेकर इटावा जिले के कुदरैल गांव तक फैला हुआ है, जहां यह आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे के साथ मिल जाता है।
यह एक्सप्रेसवे सात जिलों यानी चित्रकूट, बांदा, महोबा, हमीरपुर, जालौन, औरैया और इटावा से होकर गुजरता है। बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे इस इलाके की कनेक्टिविटी में सुधार के साथ-साथ आर्थिक विकास को भी बढ़ावा देगा, क्योंकि इससे स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के ढेरों अवसर सृजित होंगे। बांदा और जालौन जिलों में इस एक्सप्रेसवे के समीप औद्योगिक गलियारा बनाने का काम पहले ही शुरू हो चुका है।