Ahoi Ashtami 2024: Why is there special significance of bathing in Radha Kund on Ahoi Ashtami, crowd of devotees is gathering.

Ahoi ashtami 2024: अहोई अष्टमी पर राधा कुंड में स्नान का क्यों है विशेष महत्व, उमड़ रही श्रद्धालुओं की भीड़

Ahoi ashtami 2024: अहोई अष्टमी के व्रत में अहोई माता के साथ भगवान शिव और माता पार्वती की भी पूजा की जाती है। इस दिन माताएं दिनभर निर्जला व्रत रखती हैं और रात को तारों को देखकर अर्घ्य देने के बाद व्रत का पारण करती हैं। इस दिन राधा कुंड में स्नान करने का भी विशेष महत्व है।

मथुरा में अहोई आष्टमी के पर्व पर राधाकुंड आस्था की आभा से जगमगा उठा है। मन में संतान सुख की कामना और राधा नाम जपते हुए बड़ी संख्या में निसंतान दंपतियों ने अहाई अष्टमी के अवसर पर राधा कुंड में डुबकी लगाई। बृहस्पतिवार रात ठीक 12 बजे महास्नान शुरू हुआ। इसके बाद आस्था रूपी संगम में डुबकी लगाने की होड़ मच गई। एक तो किसी ने तीन डुबकी लगाई। हर ओर भक्ति भाव लिए श्रद्धालु श्रीराधा-कृष्ण का नाम जपते दिखे।

महास्नान के लिए बृहस्पतिवार सुबह से राधा कुंड के घाटों पर निसंतान दंपती जुटने लगे थे। देर शाम तक घाट चारों ओर श्रद्धालुओं के सैलाब दिखा। आधी रात से शुरू हुए स्नान का क्रम शुक्रवार सुबह तक जारी रहा। कार्तिक नियम सेवा करने वाले भक्तों ने भी कुंड में आस्था की डुबकी लगाई। स्नान से पूर्व निसंतान दंपतियों ने गिरिराज महाराज की परिक्रमा की। स्नान के लिए बड़ी संख्या में ऐसे श्रद्धालु भी परिवार संग पहुंचे जिनकी मनोकामना पूरी हो गई थी।

पुत्र की चाह में पहुंचीं महिलाएं

बदायूं से आई पल्लवी यादव ने बताया उनकी शादी को 2 साल हो चुके हैं। अभी तक घर में बच्चों की किलकारियां नहीं गंजी है। ऐसे में राधा रानी से अरदास लगाने आई हूं। जयपुर से आईं सपना ने बताया उनकी शादी को 7 वर्ष बीत चुके है। अभी उन्हें कोई संतान नहीं हुई है। राधा रानी के दरबार में संतान की इच्छा लेकर आईं हूं। सोनीपत(हरियाणा) से आईं ज्योति शर्मा ने बताया घर में पुत्री है। पुत्र की आस में यहां आई हूं।
2 दिन लगी राधाकुंड में डुबकी
अहोई अष्टमी पर्व पर बुधवार व बृहस्पतिवार आधी रात दो दिन श्रद्धालुओं ने डुबकी लगाई। हालांकि बृहस्पतिवार को यह संख्या हजारों में पहुंच गई। अधिक रही।

दीपदान कर मांगी मनौती

अहोई अष्टमी पर पहुंचे भक्तों ने जल रूप में विराजमान राधा कृष्ण के जुगल स्वरूप की आराधना कर दीपदान किया। मनौती भी मांगी7 इस अवसर पर राधाकुंड के घाटों की सजावट देखते ही बन रही थी।

सुरक्षा व्यवस्था के रहे पुख्ता इंतजाम

अहोई अष्टमी मेले में बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं को देखते हुए डीएम शैलेंद्र कुमार सिंह, एएसपी शैलेश पांडेय ने सुरक्षा की कमान संभाली। दोनों अफसर व्यवस्थाओं का जायजा लेते रहे। पूरे मेला क्षेत्र की निगरानी सीसीटीवी कैमरों व ड्रोन से की गई।

5 सेल्फी प्वाइंट भी बने

नगर पंचायत अध्यक्ष रामफल मुंशी, अधिशासी अधिकारी चेतन कुमार तिवारी की अगुवाई में 2 खोया पाया केंद्र, राधा श्याम कुंड के घाटों पर 10 गोताखोर, दो नाव लगाई गईं थीं। वहीं तीन प्रवेश द्वार, पांच सेल्फी प्वाइंट, रामलीला मैदान तिराहे, पुलिस चौकी तिराहे पर फूलों के गेट बनवाए गए। करीब 4 किलोमीटर क्षेत्र में तिरंगा लाइट व झालर लगवाई गईं।

जय घोष ने बता दिया स्नान का समय

जैसे-जैसे स्नान की शुभ घड़ी निकट आई स्नान का इंतजार कर रहे भक्तों के मुख से मुख से तेज ध्वनि में राधे-राधे की गूंज सुनाई देने लगी। जैसे ही माइक से आवाज आई बोल राधा रानी की जय… इसके बाद निसंतान दंपती कुंड में स्नान करने लगे।

विदेशी भक्तों ने किया स्नान

सनातन धर्म की जय जयकार विदेशों में भी हो रही है। ऐसे में विदेशी भक्त भी श्री राधा रानी की महिमा का गुणगान सुन अपने आप को कुंड में स्नान करने से रोक न सके।

यह है मान्यता

मान्यता है कि अहाई अष्टमी की अर्द्धरात्रि को राधा श्याम कुंड के जल में सभी देवी देवता विराजमान रहते हैं। इन कुंडों में स्नान करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। संतान की भी प्राप्ति होती है। इस कामना की पूर्ति के लिए देश के कोने-कोने से भक्त राधाकुंड आते है। अहोई अष्टमी को श्री राधा व कृष्ण कुंड प्राकट्य दिवस भी कहा जाता है।

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