कार्रवाई: काशी विश्वनाथ मंदिर क्षेत्र में गंदगी पर नगर निगम में हुई ‘सफाई’, तीन के खिलाफ लिया गया एक्शन
श्री डेस्क :; वाराणसी में काशी विश्वनाथ मंदिर क्षेत्र में गंदगी को लेकर नगर स्वास्थ्य अधिकारी समेत तीन लोग नपे। मेयर की सफाई व्यवस्था की समीक्षा में पोल खुलने पर नगर स्वास्थ्य अधिकारी को कार्यमुक्त कर मूल विभाग में भेजने की संस्तुति दी गई। वहीं जोनल स्वच्छता अधिकारी से स्पष्टीकरण मांगा गया तो डीजल पंप लिपिक को निलंबित किया गया।
काशी विश्वनाथ मंदिर क्षेत्र में गंदगी मिलने पर डॉ. प्रदीप कुमार शर्मा को कार्यमुक्त कर उन्हें मूल विभाग में भेजने की संस्तुति शासन से कर दी गई है। साथ ही जोनल स्वच्छता अधिकारी गजेंद्र सिंह को लापरवाही बरतने पर स्पष्टीकरण जारी किया गया। डीजल पंप लिपिक अब्बास अली को निलंबित किया गया।
सोमवार को स्मार्ट सिटी में मेयर अशोक कुमार तिवारी की बैठक में शहर की सफाई व्यवस्था की पोल खुल गई। बैठक में मेयर ने कहा कि विश्वनाथ मंदिर क्षेत्र में आए दिन गंदगी की शिकायत आ रही है। समय से सफाई न कराने पर मेयर ने नाराजगी जताई।
नगर आयुक्त अक्षत वर्मा को निर्देशित किया कि नगर स्वास्थ्य अधिकारी को अपने पदीय दायित्वों का निर्वहन ठीक से नहीं करने पर कार्यमुक्त करते हुए इनके मूल विभाग में वापस कर दिया जाय।
नगर आयुक्त ने नगर स्वास्थ्य अधिकारी को उनके मूल विभाग में भेजने के लिए शासन को अवगत करा दिया गया है। मंदिर क्षेत्र के जोनल स्वच्छता अधिकारी गजेंद्र सिंह को कार्य में लापरवाही बरतने पर स्पष्टीकरण जारी किया गया है। कूड़ा उठाने वाली गाड़ियों में डीजल आपूर्ति की पत्रावली को दो माह से विलंबित करने और समय से पत्रावली प्रस्तुत न करने पर समय से कूड़ा उठान में परेशानी का सामना करना पड़ा। इसमें लापरवाही बरतने के आरोप में डीजल पंप के लिपिक अली अब्बास को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है।
17 सितंबर से 2 अक्टूबर तक नगर निगम की ओर से स्वच्छता ही सेवा कार्यक्रम चलाया जा रहा है। इस दौरान अधिकारियों से लेकर कर्मचारियों और वार्ड के पार्षद व मेयर सफाई अभियान में लगे हैं। जिस अधिकारी को साफ-सफाई की जिम्मेदारी दी गई है। वहीं अधिकारी लापरवाही बरते तो फिर शहर स्वच्छ कैसे रहेगा। इसके पूर्व भी नगर स्वास्थ्य अधिकारी को शहर की साफ सफाई व्यवस्था के लिए चेताया जा चुका है।