शिवगढ़ में खेल दिवस के रूप में मनाई गई हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद की जयन्ती
- झांसी के हीरोज ग्राउंड की पथरीली जमीन पर ध्यानचंद ने सीखे थे हॉकी के सभी ट्रिक : रमेश कुमार
- रायबरेली में आयोजित हॉकी प्रतियोगिता में उपविजेता रही शिवगढ़ टीम
शिवगढ़,रायबरेली। रायबरेली जिले के विकास क्षेत्र शिवगढ़ में हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद की जयन्ती खेल दिवस के रूप में मनाई गई। गौरतलब हो कि राष्ट्रीय खेल हॉकी को शिवगढ़ क्षेत्र में जीवंत रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे, राष्ट्रीय स्तर के हॉकी खिलाड़ी एवं एनआईएस हॉकी कोच रमेश कुमार (सहगल) के नेतृत्व में उनके शिवगढ़ स्थित आवास पर आर.एस.ए.एस. क्लब के सभी सदस्यों एवं हॉकी खिलाड़ियों ने हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद की प्रतिमा के सम्मुख दीप प्रज्वलित कर एवं केक काटकर मेजर ध्यानचंद की जयंती हर्षोल्लास पूर्वक खेल दिवस के रूप में मनाई।
जिसके पश्चात खेल दिवस पर रायबरेली में आयोजित विद्यालयी हॉकी प्रतियोगिता के फाइनल मैच में शिवगढ़ और वैदिक इण्टर कॉलेज के मध्य कांटे की टक्कर हुई जिसमें शिवगढ़ टीम विजेता रही। मेजर ध्यानचंद की जयंती पर एनआईएस हॉकी कोच रमेश कुमार ने अपने उद्गार व्यक्त करते हुए कहा कि हॉकी के जादूगर के नाम से मशहूर मेजर ध्यानचंद का झांसी से विशेष रिश्ता रहा है। उनका पूरा जीवन झांसी में ही बीता।
शहरवासी उन्हें दद्दा ध्यानचंद के नाम से जानते हैं। ध्यानचंद के पिता सुमेशर दत्त प्रयागराज से जाकर झांसी में बस गए थे। झांसी के हीरोज ग्राउंड में ही मेजर ध्यानचंद ने हॉकी खेलना शुरू किया था। उन्होंने हीरोज ग्राउंड की पथरीली जमीन पर ही उन्होंने हॉकी के सभी ट्रिक सीखी थी। हीरोज ग्राउंड के पास ही दद्दा ध्यानचंद का घर था। उस घर को आज भी उसके मूल रूप में संरक्षित रखा गया है, वहीं, जिस कमरे में ध्यानचंद अपने अतिथियों से मिला करते थे उसे अब एक म्यूजियम का रूप दे दिया गया है। इस कमरे में उनसे जुड़ी तमाम चीजें देखने के लिए मिल जाएंगी। ध्यानचंद की हॉकी से लेकर वह तलवार भी वहां रखी हुई है जिसे वह सैनिक के तौर पर इस्तेमाल करते थे। इसके साथ ही उनके सभी मेडल और भारत के पहले राष्ट्रपति डॉ.राजेंद्र प्रसाद द्वारा दिया हुआ पद्म भूषण उसी कमरे में मौजूद है।

दबाव और प्रभाव में खब़र न दबेगी,न रुकेगी