ओपी राजभर बोले- मुसलमानों को डर दिखाकर सपा लेती है वोट, अखिलेश यादव को लेकर कही ये बात
समाजवादी पार्टी प्रमुख और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के लिए वर्तमान में सब कुछ ठीक-ठाक नहीं चल रहा है। पहले तो अखिलेश यादव से चाचा शिवपाल सिंह यादव नाराज हुए। अब उनके गठबंधन के सहयोगी भी नाराज चल रहे हैं। नाराज रहने वाले पार्टी का नाम है सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी और उसके अध्यक्ष हैं ओमप्रकाश राजभर। ओमप्रकाश राजभर अक्सर अपने बयानों की वजह से मीडिया की सुर्खियों में रहते हैं। राष्ट्रपति चुनाव में उन्होंने यह कहते हुए स्पष्ट कर दिया था कि वह तो अखिलेश यादव की ओर से तलाक मिलने का इंतजार कर रहे हैं, खुद गठबंधन से अलग नहीं होंगे। इसके ठीक बाद ओमप्रकाश राजभर में एनडीए की राष्ट्रपति उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू के समर्थन का भी ऐलान कर दिया था। इसके बाद से माना जा रहा था कि ओमप्रकाश राजभर और अखिलेश यादव के बीच लगातार दूरियां बढ़ रही है। एक बार फिर से ओमप्रकाश राजभर ने अखिलेश यादव पर निशाना साधा है।
ओमप्रकाश राजभर ने साफ तौर पर कहा है कि समाजवादी पार्टी मुस्लिम समाज को भाजपा का डर दिखाकर उनका वोट लेती है और इसका हक नहीं देती है। उन्होंने साफ तौर पर कहा है कि मुस्लिम समाज को भाजपा का डर दिखाना सपा का काम है, मगर जब मुस्लिम समाज को हक देने का समय आता है तो वह मुंह मोड़ लेती है। उन्होंने सवाल किया सपा प्रमुख अखिलेश यादव की वर्ष 2012 से 2017 के बीच रही सरकार में पुलिस विभाग में भर्ती हुई थी। उसमें मुस्लिम समाज को उनकी हिस्सेदारी के लिहाज से 20 प्रतिशत नौकरियां मिलनी चाहिए थी। क्या समाजवादी पार्टी के नेता स्पष्ट करेंगे कि कितने फीसद मुस्लिम युवकों को पुलिस में नौकरी मिली? राजभर ने अखिलेश यादव की पूर्ववर्ती सरकार पर हमला करते हुए कहा कि तब रंगदारी वसूली से आम लोग भयाक्रांत रहा करते थे।
आपको बता दें कि सुभासपा ने इस साल की शुरुआत में विधानसभा चुनाव सपा के साथ मिल कर लड़ा था और उसे छह सीटों पर जीत मिली थी। मगर इस चुनाव के बाद से ही दोनों दलों के बीच तल्खियां बढ़ने लगी थीं। पिछले माह आजमगढ़ और रामपुर लोकसभा के उपचुनाव में सपा की पराजय के बाद राजभर ने समाजवादी पार्टी प्रमुख के खिलाफ और खुलकर बोलना शुरू कर दिया और उन्हें वातानुकूलित कमरों में बैठकर राजनीति करने वाला नेता बताया था। ओपी राजभर ने सपा और बहुजन समाज पार्टी को साथ मिलकर अगला लोकसभा चुनाव लड़ने का सुझाव भी दिया, जिसे सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने यह कहते हुए ठुकरा दिया कि उनकी पार्टी को किसी की सलाह की जरूरत नहीं है।