बुलंदशहर : 230 टीम घर-घर जाकर खोजेंगी टीबी मरीज
- जनपद में नौ मार्च से चलेगा एसीएफ अभियान
- एसीएफ में पहली बार 20 प्रतिशत आबादी की होगी स्क्रीनिंग
रिपोर्ट – उपेंद्र शर्मा
बुलंदशहर, 2 फरवरी 2022। जनपद में टीबी रोगियों को खोजने के लिए नौ मार्च से एक्टिव केस फाइंडिंग (एसीएफ) अभियान चलाया जाएगा। यह अभियान 22 मार्च तक चलेगा। अभियान के तहत स्वास्थ्य विभाग की टीम घर-घर जाकर टीबी रोगी खोजेंगी। इसके लिए विभाग ने 230 टीम गठित की हैं। जबकि 47 पर्यवेक्षक को तैनात किया है। यह जानकारी बुधवार को जिला क्षय रोग अधिकारी (डीटीओ) डा. सीपीएस गौतम ने दी।
जिला क्षय रोग अधिकारी डा. सीपीएस गौतम ने बताया- शासन के निर्देश पर जनपद में इस बार अभियान के दौरान 20 प्रतिशत आबादी की स्क्रीनिंग की जाएगी। अब तक एसीएफ के दौरान केवल 10 प्रतिशत आबादी की स्क्रीनिंग की जाती थी। अभियान के लिए माइक्रोप्लान तैयार किया जा रहा है। इस संबंध में महानिदेशक (चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं) वेद ब्रत सिंह ने सूबे के सभी मुख्य चिकित्सा अधिकारियों और जिला क्षय रोग अधिकारियों को पत्र भेजकर दिशा निर्देश जारी किये हैं। अभियान के दौरान 10 कार्य दिवस होंगे।
जिला क्षय रोग अधिकारी ने बताया-राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के दिशा-निर्देशानुसार लैब टेक्नीशियन और एसटीएलएस स्पुटम (बलगम) की जांच माइक्रोस्कॉपी, ट्रूनेट या सीबीनॉट मशीन से करेंगे। यदि किसी व्यक्ति में टीबी के जीवाणु की पुष्टि होती है तो उसकी ब्लड शुगर, यूडीएसटी और एचआईवी की जांच कर सूचना निक्षय पोर्टल पर अपलोड की जाएगी। पुष्टि होने के 48 घंटे में रोगी का उपचार शुरू कराते हुए निक्षय पोषणा योजना से लिंक किया जाएगा ताकि रोगी को बेहतर पोषण के लिए दी जाने वाली पांच सौ रुपए की राशि समय से मिल सके।
उन्होंने बताया – एसीएफ के दौरान क्षय रोगियों की तलाश के लिए आशा, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और पोलियो वालिंटियर्स की मदद ली जाएगी। इसके लिए अभियान शुरू होने से पहले प्रशिक्षण दिया जाएगा। प्रशिक्षण में टीबी के लक्षणों के बारे में जानकारी दी जाएगी। साथ ही यह भी बताया जाएगा कि घर-घर जाकर वह किस तरह से अपना परिचय देंगे और यह पूछेंगे कि परिवार के किसी सदस्य को 15 दिन से अधिक खांसी, खांसी के साथ बलगम या खून आना, अचानक वजन कम होना या फिर बुखार रहने जैसी शिकायत तो नहीं है। यदि किसी व्यक्ति में इस तरह के लक्षण होंगे तो उसके बलगम की जांच कराई जाएगी। उन्होंने कहा- टीबी का संक्रमण रोकने के लिए मरीजों की जल्दी पहचान और जल्दी उपचार शुरू होना जरूरी है।